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119 ट्रेनें एमपी आईं, अब तक 5 लाख श्रमिक वापस आए, गुजरात से सबसे ज्यादा 2 लाख

locationभोपालPublished: May 23, 2020 09:20:51 am

Submitted by:

Pawan Tiwari

महाराष्ट्र से 34 ट्रेनें आई हैं अभी तक।

119 ट्रेनें एमपी आईं, अब तक 5 लाख श्रमिक वापस आए, गुजरात से सबसे ज्यादा 2 लाख

119 ट्रेनें एमपी आईं, अब तक 5 लाख श्रमिक वापस आए, गुजरात से सबसे ज्यादा 2 लाख

भोपाल. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों को पलायन लगातार जारी है। अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम आईसीपी केशरी ने जानकारी दी है कि विभिन्न प्रदेशों से श्रमिकों को लेकर अब तक 119 ट्रेन आ चुकी हैं। इनमें एक लाख 46 हजार श्रमिक आ चुके हैं। बसों से लगभग 3 लाख 52 हजार श्रमिक लाए गए हैं। इस तरह से कुल 5 लाख एक हजार श्रमिक वापस लाए जा चुके हैं। केशरी ने बताया है कि मुख्य रूप से अभी तक महाराष्ट्र से 34, गुजरात से 27, हरियाणा से 15, तेलंगाना से 17, पंजाब से 6, कर्नाटक से 3, गोवा से 3, तमिलनाडु, केरल, राजस्थान और दिल्ली से 2-2 तथा जम्मू से एक ट्रेन आ चुकी हैं।
अभी तक मुख्य रूप से गुजरात से 2 लाख 2 हजार, राजस्थान से एक लाख 12 हजार और महाराष्ट्र से एक लाख 15 हजार श्रमिक वापस लाए गए हैं। इसके अतिरिक्त गोवा, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, केरल, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से भी श्रमिक लाए गए हैं।
मजदूरों, किसानों, गरीबों की सहायता की
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना संकट के दौरान शासन द्वारा निरंतर प्रदेश के मजदूरों, किसानों, गरीबों आदि की निरंतर सहायता की गई। मजदूरों को उनके खातों में राशि भिजवाई गई, बच्चों को छात्रवृत्ति की राशि, सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों को दो माह की अग्रिम पेंशन, सहरिया, बैगा, भारिया जनजाति की बहनों को राशि, प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों, मध्यान्ह भोजन के रसाईयों आदि को राशि उनके खातों में अंतरित की गई। किसानों को फसल बीमा की राशि, शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण तथा गेहूँ उपार्जन की राशि उनके खातों में भिजवाई गई।
मजदूरों में मैं भगवान देखता हूं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे मजदूरों, गरीबों, किसानों में भगवान दिखाई देते हैं। इनकी सेवा मेरे लिए भगवान की सेवा है। हमने विभिन्न प्रदेशों में फंसे हुए हमारे मजदूरों को प्रदेश लाने के साथ ही अन्य प्रदेशों के मध्यप्रदेश में आए तथा यहां से गुजरने वाले मजदूरों की भी पूरी सहायता की। मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाया, उनके लिए भोजन आदि की व्यवस्था प्रदेश में समुचित रूप से की गई। बार्डर पर प्रतिदिन 01 हजार बसें मजदूरों के लिए लगाई गई हैं। भारत सरकार की सहायता से मजदूर स्पेशल ट्रेनों से भी बड़ी संख्या में श्रमिक वापस आए हैं।
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