विशेष अदालत के न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल ने सोमवार को यह फैसला सुनाया ,इसी बीच कटघरे में खड़ा मुख्य आरोपी मुबारिक उर्फ सूफियाना फफक फफक कर रो पड़ा, उसने जज से कहा मेरे परिवार में पत्नी और छोटा बच्चा है। इस पर अदालत ने कहा यह सब गलत काम करने से पहले सोचना था। विशेष कोर्ट ने कोरोना काल में एक महीने के दौरान सुनवाई पूरी कर यह फैसला सुनाया है।
पुलिस ने की लापरवाही
अदालत ने कोरोना संक्रमण के दौरान एक महीने के अंदर ही पूरे मामले की सुनवाई की है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा कि पुलिस ने जांच में गंभीर लापरवाही बरती है, यह मामला मामला टीला जमालपुरा खाने का है। शासकीय अधिवक्ता टीटी गौतम ने बताया कि पंजाब ऋषि नाबालिक की मां ने 19 दिसंबर 2018 को बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। घटना के एक माह के बाद आरोपियों के चंगुल से छूटकर नाबालिक के साथ थाने पहुंची। पुलिस को बताया कि सूफियाना ने उसे वीआईपी रोड के पास ले जाकर रेप किया और शादी का झांसा देकर भगा ले गया। उसके दोस्त अरुण गांगुली के घर रखा वहां फैजल और शाहरुख ने रेप किया। दूसरे दिन महिला प्रियंका ने नाबालिग के बाल काटे और उसे एमपी नगर की एक होटल में ले गई, वहां फिर नाबालिक के साथ रेप हुआ। इसके बाद पीड़िता को जबलपुर ले जाया गया जहां होटल व्यवसाई सनी तिवारी ने दुष्कर्म किया। इंदौर और मंडीदीप के होटलों में भी नाबालिग से दरिंदगी की गई।
ये मिली सजा
कोर्ट ने आरोपियों को अंतिम सांस तक उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही आरोपियों का सहयोग करने वाली प्रियंका सिंह चौहान, प्रकाश कनोजिया अंकित महेश्वरी को 20 – 20 साल की सजा हुई है। कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में सुखदेव, केशव तिवारी और सनी तिवारी को दोषमुक्त कर दिया है।