अधिकारी-दलालों के गठजोड़ की भेंट चढ़ी योजना :
कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने परंपरागत कृषि विकास योजना शुरु की। इसमें किसानों को 12 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से डीबीटी के जरिए अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। एक एकड़ पर दो हजार रुपए का बीज डलता है जो कि किसानों को सरकार की ओर से निशुल्क दिया जाता है। इस फंड का 60 फीसदी हिस्सा केंद्र और 40 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार का होता है। इस योजना पर कृषि विभाग के तत्कालीन अधिकारियों और दलालों के गठजोड़ ने खेल कर इसका पैसा अपनी जेब में कर लिया। 2015 से 2018 तक इस योजना के नाम पर 538 करोड़ का फंड दिया गया। इसका टेंडर जियोलाइफ एग्रीटेक इंडिया को दिया गया। कृषि विशेषज्ञ केदार सिरोही कहते हैँ कि इस कंपनी को तत्काल इसी घोटाले को अंजाम देने के लिए बनाया गया था। ये कंपनी कृषि से जुड़ा एक दाना भी नहीं पैदा करती है। सिरोही कहते हैँ कि सेसबानिया में जिस रोष्ट्रेटा बीज को जोड़ा गया वो प्रदेश ही नहीं पूरे भारत में भी पैदा नहीं होता और ये बात हमने इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च यानी आईसीएआर से भी प्रमाणित कराई है। रोष्ट्रेटा करीब सवा सौ रुपए किलो आता है जिसे आयात कराना पड़ता है जबकि रोष्ट्रेटा के नाम पर जो खाद बीज बांटा गया वो 25 रुपए किलो मिलता है। सिरोही कहते हैँ कि यदि इस योजना पर अभी रोक नहीं लगाई गई तो इसके तहत आने वाले कुछ सालों में 4100 करोड़ रुपए सीधे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएंगे।
आदिवासी जिलों में खर्च नहीं हुए 100 करोड़ :
इसी योजना के तहत प्रदेश के आदिवासी जिलों के लिए 100 करोड़ से ज्यादा की राशि दी गई। 2017-18 में आदिवासी बीस जिलों के लिए पिछड़ी जनजाति बैगा, सहारिया,भारिया के किसानों को कोदो,कुटकी,ज्वार,बाजरा के उत्पादन और उनकी मार्केटिँग के लिए 100 करोड़ रुपए दिए गए। लेकिन ये राशि भी कागजों में ही खर्च हो गई। आदिवासी विधायक फुंदेलाल मार्को ये मामला विधानसभा में भी उठा चुके हैं। जिस पर कृषि मंत्री सचिन यादव ने भी माना था कि इसमें गड़बड़ी हुई है,उन्होंने जांच कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया था। ये कमेटी इस पूरे मामले की जांच कर रही है। इस कमेटी में विधायक मार्को भी शािमल हैं।
– इस पूरे घोटाले की सरकार जांच करा रही है। सरकार को जो शिकायतें मिली हंै उनमें साफ जाहिर है कि परंपरागत कृषि विकास योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन भी बदली गई हैं। इस भ्रष्टाचार में जो भी अधिकारी और दलाल शामिल हैं उनमें से किसी भी बख्शा नहीं जाएगा। जांच के बाद जो दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
– सचिन यादव कृषि मंत्री –