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मजदूरों के लिए चलेंगी 53 स्पेशल ट्रेनें, घर लौटने के लिए करीब 4 लाख लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन

locationभोपालPublished: May 10, 2020 12:26:27 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

अभी तक 01 लाख 55 हजार मजदूर मध्यप्रदेश लौटकर आ गये हैं।

मजदूरों के लिए चलेंगी 53 स्पेशल ट्रेनें, घर लौटने के लिए  करीब 4 लाख लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन

मजदूरों के लिए चलेंगी 53 स्पेशल ट्रेनें, घर लौटने के लिए करीब 4 लाख लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन

भोपाल. लॉकडाउन के कारण बाहर फंसे लोगों को लाने का काम राज्य सरकारें कर रही हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विभिन्न प्रदेशों में फंसे मध्यप्रदेश के मजदूर बड़ी संख्या में ट्रेनों के माध्यम से प्रदेश लौट रहे हैं। सभी कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र में आने वाले मजदूरों का प्रदेश आगमन पर स्वागत किया जाये। उन्हें उतरते ही भोजन, चाय आदि उपलब्ध हो। अभी तक 01 लाख 55 हजार मजदूर मध्यप्रदेश लौटकर आ गये हैं।
मजदूरों के लिये 56 ट्रेनें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रत्येक मजदूर भाई को प्रदेश वापस लाया जायेगा, वे बिल्कुल चिंता न करें। वहीं, अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने बताया कि मजदूरों को प्रदेश लाने के लिये 56 ट्रेनों की मांग रेल मंत्रालय को भेजवाई गई है। कर्नाटक से पहली ट्रेन आज मध्यप्रदेश के लिये रवाना होगी, जो कि जबलपुर एवं ग्वालियर रूकेगी। प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि वापस आने के लिये अभी तक 3 लाख 90 हजार व्यक्तियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। बता दें कि मध्यप्रदेश के नागरिक दूसरे राज्यों में फंसे हैं और लॉकडाउन के कारण उन्हें रहने और खाने की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि लॉकडाउन के तीसरे फेज में रेड जोन इलाकों को छोड़कर रियायत दी गई है।
नोडल अधिकारी को फोन न करें, कॉल सेंटर पर करें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाहर फंसे नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की अनुमति एवं व्यवस्था के लिये मजदूर एवं अन्य व्यक्ति नोडल अधिकारियों को फोन न करें। वे इसके लिये बनाये गये कॉल सेंटर 0755-2411180 पर फोन करें।
राज्य की सीमाओं पर स्क्रीनिंग अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जो मजदूर सड़क मार्ग से मध्यप्रदेश आते हैं, उनकी राज्य की सीमाओं पर अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाये। ट्रेन से आने वाले मजदूरों की स्क्रीनिंग जहां वे उतरते हैं वहां की जाये। कोई भी मजदूर बिना स्क्रीनिंग के प्रवेश न कर पाए। साथ ही इनका पूरा विवरण भी लिखकर रखा जाये। गंतव्य पर पहुंचने पर इन्हें क्वारेंटाइन भी किया जाये।
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