scriptतालाब के किनारे 60 हजार पेड़ विकसित किए जा सकते है | 60 thousand trees can be grown on the banks of the pond | Patrika News

तालाब के किनारे 60 हजार पेड़ विकसित किए जा सकते है

locationभोपालPublished: Nov 20, 2019 03:14:14 pm

बारिश के दौरान निगम की टीम ने यहां इतने ही पौधे लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन बारिश का लंबा दौर खत्म हो गया, तालाब किनारे पौधे नहीं लग पाए। यदि वी

छह साल से फाइलों में दबा है बड़ा तालाब का मास्टर प्लान, 1500 से अधिक अतिक्रमण बचा रहे अधिकारी

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भोपाल। बड़ा तालाब के वीआईपी रोड से खानूगांव तक रिटेनिंग वॉल बनाकर सुरक्षित की गई जमीनों पर करीब 60 हजार पेड़ विकसित किए जा सकते हैं। बारिश के दौरान निगम की टीम ने यहां इतने ही पौधे लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन बारिश का लंबा दौर खत्म हो गया, तालाब किनारे पौधे नहीं लग पाए। यदि वीआईपी रोड और आगे तक खानूगांव व हलालपुर से बैरागढ़ के बीच तालाब किनारे सघन पौधरोपण किया जाए तो अतिक्रमण खत्म करके तालाब के ईकोलॉजी सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है।

तालाब को राहत मिल सकती है
अभी खाली जमीन पर सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कई तरह की गतिविधियां संचालित हो रही है। खानूगांव जैसे कैचमेंट वाले क्षेत्र में कॉलेज शुरू हो गया। अस्पताल और होटल के साथ मैरिज गार्डन तक चल रहे। यदि यहां सघन वन विकसित कर दिया जाए और किनारे तक पहुंचना कठिन हो जाए तो फिर तालाब को राहत मिल सकती है।

जोन का मतलब ही ग्रीन स्पेस
पर्यावरणविद् प्रमोद श्रीवास्तव का कहना है कि तालाब से 50 मीटर तक बफर जोन का मतलब ही ग्रीन स्पेस है। शहर के भीतर वाले क्षेत्र जिसमें वीआईपी रोड, खानूगांव, लालघाटी, बैरागढ़, भदभदा-नेहरूनगर की और 50 मीटर तक सघन वन ही होना चाहिए, ताकि कोई मानवीय गतिविधि न हो।

किसी तरह की गतिविधि न हो
रिटायर्ड अतिरिक्त कंजरवेटर सीपीए फॉरेस्ट केसी मल का कहना है कि यदि सरकार तालाब को बचाने के लिए वाकई चिंतित है तो उसे इसके लिए विशेष प्रावधान कर नियम बनाना चाहिए और एफटीएल से 50 मीटर तक सघन वन विशेषकर शहर के भीतर वाले क्षेत्रों में बनाना चाहिए, ताकि किसी तरह की गतिविधि न हो।

 

कागजों में ही बंद हुए मैरिज गार्डन
तालाब किनारे खानूगांव में सिर्फ कागजों में ही मैरिज गार्डन बंद हुए हैं, जबकि यहां शादियों का दौर चल रहा है। आगामी समय में यहां शादियां होने वाली है और इसके कार्ड भी है, जिसमें विवाह स्थल के तौर पर इन गार्डन का नाम दर्ज है। जबकि नगर निगम परिषद की बैठक में एक सवाल के जवाब में बताया था कि खानूगांव क्षेत्र में पांच मैरिज गार्डन संचालित थे। गुलबाग मैरिज गार्डन, रॉयल मैरिज गार्डन, रफीका महल को सील किया गया।

अब भी शादियां हो रही
रफीका महल जमात खाना होने से उसे एसडीएम के निर्देश पर खोला गया, बाकी दोनों गार्डन बंद है। इसीत हर माला व हवेली मैरिज गार्डन की अनुमति के लिए आवेदन निगम में आए, लेकिन पूरे दस्तावेज नहीं होने से आवेदन निरस्त कर दिए गए। हैरानी ये हैं कि इनमें अब भी शादियां हो रही है।

पूरी तरह से बंद करना चाहिए
क्षेत्रीय मोहम्मद सउद का कहना है कि निगम प्रशासन को इन्हें पूरी तरह से बंद करना चाहिए। अपर आयुक्त झील पवनकुमार सिंह का कहना है कि भवन अनुज्ञा से संबंधित मामला है और उन्हें इसे दिखवाना है। बाकी तालाब के संरक्षण में कोई कोताही नहीं है।

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