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तीन साल से नहीं मिली ज्वाइनिंग, अब तक 75 चयनित शिक्षकों की मौत

locationभोपालPublished: Sep 09, 2021 01:26:36 pm

Submitted by:

Manish Gite

शिक्षक पात्रता परीक्षा में 97.87 अंक के साथ मेरिट में 5वां स्थान, युवक ने की खुदकुशी, बेटे को भी पिलाया कीटनाशक…।

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राज्य सरकार पर ज्वाइनिंग देने में विलंब का आरोप लगा रहे चयनित शिक्षक।

 

भोपाल। मध्यप्रदेश में 32 हजार से अधिक चयनित शिक्षकों के दस्तावेजों का वेरीफिकेशन होने के बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई है। इस भर्ती में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट का स्टे लगा है। तीन वर्षों से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे कई चयनित शिक्षकों को मजदूरी तक करना पड़ रही है। कई शिक्षक डिप्रेशन में आत्महत्या तक कर रहे हैं। खरगौन जिले के होनहार चयनित शिक्षक ने अवसाद में आत्मघाती कदम उठा लिया। उसने कीटनाशक पी लिया। मृतक 2019 में शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा वर्ग-1 में कृषि संकाय में 97.87 अंक के साथ प्रदेश की मेरिट में पांचवे स्थान पर चयनित हुआ था, लेकिन अब तक ज्वाइनिंग नहीं मिलने के कारण डिप्रेशन में था। आशंका जताई जा रही है कि अवसाद में उसने आत्मघाती कदम उठा लिया। इधर, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मीडिया से कहा है कि खुदकुशी का कोई और कारण हो सकता है।

 

खरगौन के टीआई प्रकाश वास्केल ने बताया कि अकावल्या निवासी राकेश पाटीदार (37) की मौत हुई है, आत्महत्या क्यों की इसका कोई पुख्ता कारण सामने नहीं आया है। ग्रामीणों के अनुसार मंगलवार को राकेश ने खरगोन से कीटनाशक खरीदने के बाद बिस्टान रोड पर भोंगा नाले के पास पहुंचा था। उसके साथ बेटा भी था, जहां राकेश ने कीटनाशक पीने के बाद अपने बेटे को भी जहर दे दिया। दोनों रोड किनारे बेसुध हालत में पड़े थे। जिन्हें राहगीरों ने देखकर पुलिस को सूचना दी। शाम को जिला अस्पताल लाने पर राकेश की सांसें थम चुकी थी, रात होने की वजह से बुधवार सुबह पीएम किया गया। पुलिस को मौके पर पॉयजन की खाली बोतल मिली है। सुसाइड नोट नहीं मिला। वास्केल ने बताया कि परिजनों के बयान लेना बाकी है, जिसके बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। मृतक के रिश्तेदार विनित पाटीदार ने बताया कि जीजा ने ऐसा कदम क्यों उठाया, यह स्पष्ट नहीं है। बुधवार को राकेश का गांव में अंतिम संस्कार किया गया।

 

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32 हजार चयनित अभ्यर्थी, नौकरी के लिए परेशान

चयनित शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक भूतेषचंद्रा ने बताया कि 2019 में निकली भर्ती परीक्षा में प्रदेश के 32 हजार से अधिक अभ्यर्थी चयनित हुए थे। ये सभी नौकरी के लिए परेशान हैं। कई बार जिला और प्रदेश स्तर पर आंदोलन भी किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जिले में 480 अभ्यर्थी वर्ग एक और दो के लिए क्वालीफॉय हुए थे। परीक्षा के पश्चात प्रदेश में सरकार बदल गई और भर्ती प्रक्रिया ठंडे बस्ते में डाली दी गई। भूपेष ने बताया कि नौकरी का इंतजार करते-करते 75 साथी काल के काल में समां गए। इधर, स्कूल शिक्षा मंत्री ने मीडिया से कहा है कि खुदकुशी का कोई और कारण हो सकता है। सभी चयनित शिक्षकों को जल्द नियुक्ति दी जाएगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है।

 

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कांग्रेस ने लगाए सरकार पर आरोप

इधर, एक और चयनित शिक्षक की मौत होने के बाद गुरुवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा है कि एक और चयनित शिक्षक ने दी जान, मृतक शिक्षक के 8 साल के बेटे ने भी ज़हर पिया; शिवराज जी, बेरोज़गारी से तंग आकर आत्महत्या की यह खबर व्यथित और विचलित करती है। आख़िर आप क्यों नहीं दे रहे नियुक्ति ❓ शिक्षक नियुक्ति के इंतज़ार में मर रहे, शिवराज चुनाव जीतने की तैयारी कर रहे।

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जयवर्धन बोले- हत्या है यह

पूर्व मंत्री एवं राघोगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने ट्वीट के जरिए सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि मप्र में बेरोजगारी से तंग, लंबे समय से अपनी नियुक्ति का इंतज़ार कर रहे एक चयनित शिक्षक राकेश पाटीदार ने आत्महत्या कर ली, ये आत्महत्या नहीं, हत्या है जिसकी जिम्मेदार ये खरीदी हुई भाजपा सरकार है जो इनके अधिकार पर कुंडली मार कर बैठी हुई है।
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