scriptमध्यप्रदेश में 12वीं से पहले 79 फीसदी बच्चे छोड़ देते हैं स्कूल | 79 children leave school before 12th in Madhya Pradesh | Patrika News

मध्यप्रदेश में 12वीं से पहले 79 फीसदी बच्चे छोड़ देते हैं स्कूल

locationभोपालPublished: Feb 18, 2020 10:07:22 pm

Submitted by:

anil chaudhary

– प्रदेश में शिक्षा की स्थिति चिंताजनक

Private schools में परीक्षा पर निगरानी के लिए तैनात होंगे सरकारी केन्द्राधीक्षक

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भोपाल. प्रदेश सरकार स्कूल शिक्षा में सुधार के प्रयास कर रही है, लेकिन जो रिपोर्ट सामने आई हैं वो उसकी चिंता बढ़ा रही है। एकीकृत शिक्षा सूचना प्रणाली और उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में हायर सेकेंडरी तक पहुंचते-पहुंचते 79 फीसदी बच्चे स्कूल छोड़ देते हैं। इनमें लड़कियों के बराबर ही लड़कों की संख्या है। बारहवीं कक्षा तक बच्चों का नामांकन करीब 21 फीसदी रह जाता है। इस तरह मध्यप्रदेश सरकार के वे तमाम प्रयास फेल हो रहे हैं, जो वह बच्चों को स्कूल से जोडऩे के लिए चला रही है। प्रदेश सरकार अपने स्कूलों की इस स्थिति से चिंता में है। वहीं, स्कूल छोड़ चुके बच्चों को स्कूलों से जोडऩे के लिए कई प्रयास कर रही है। उनकी काउंसलिंग भी कराई जा रही है।

– ये है स्कूली बच्चों का नामांकन
शिक्षा सत्र 2018-19 में प्रदेश के स्कूलों में माध्यमिक कक्षा में 77.43 लड़के और 76.88 फीसदी लड़कियों ने एडमिशन लिया। हाईस्कूल में इस नामांकन की संख्या घटकर 50.29 और 49.25 फीसदी पर पहुंच गई। वहीं, हायर सेकेंडरी में लड़कों का नामांकन 21.79 फीसदी और लड़कियों का नामांकन 21.22 फीसदी पर पहुंच गया।

– सरकार ने बनाई कार्ययोजना
स्कूल शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग ने मिलकर बच्चों को स्कूलों से जोडऩे की बड़ी कार्ययोजना तैयार की है। समग्र शिक्षा के तहत केंद्र सरकार भी इसमें मदद कर रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और प्राथमिक शालाओं के शिक्षकों को प्राइमरी कक्षाओं में सौ फीसदी नामांकन का लक्ष्य दिया है। सरकार ने इन दो विभागों के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी जोडऩे की योजना बनाई है, ताकि स्कूलों में ही बच्चों का टीकाकरण और बीमारी का इलाज किया जा सके।

सरकार स्कूलों में सौ फीसदी बच्चों को लाने पर काम कर रही है। जो बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं, उनसे काउंसलर के जरिए संवाद किया जा रहा है। उनको स्कूल से जोडऩे के लिए संपर्क किया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कुछ पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किए हैं।
– डॉ. प्रभुराम चौधरी, मंत्री, स्कूल शिक्षा

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