बता दें कि बीएचईएल देश में वर्ष 1983 से सौर फोटोवोल्टिक (एसपीवी) सेल और मॉड्यूल का निर्माण करने वाला पहला इंजीनियरिंग संस्थान है। भेल लगातार अपने सौर पोर्टफोलियो का विकास कर रहा है। इसमें भेल डिजाइन, इंजीनियरिंग, मेन्युफैक्चरिंग सहित सभी सौर ऊर्जा जरूरतों के लिए सुविधा मुहैया कराता है। भेल को इरेक्शन, परीक्षण और कमीशनिंग का तीन दशकों से अधिक का अनुभव होने के साथ ही जमीन, छत और पानी पर सौर से लेकर अंतरिक्ष में सौर लगाने का अनुभव हैं। बीएचईएल के पास अत्याधुनिक निर्माण सुविधाओं के साथ साथ विशेष आरएंडडी केन्द्र भी उपलब्ध हैं। बीएचईएल के बेंगलुरु यूनिट में उच्च दक्षता वाले मोनो और पॉलीक्रिस्टलाइन सिलिकॉन पीवी मॉड्यूल की उत्पादन की अत्याधुनिक निर्माण सुविधा उपलब्ध है। यह भारत में एकमात्र उद्यम है, जिसके पास पीवी संयंत्रों के लिए उपकरणों की लगभग पूरी श्रृंखला के विकास और निर्माण की क्षमता है। बीएचईएल के पास स्पेस-ग्रेड पैनल और बैटरी बनाने के लिए भी सुविधा उपलब्ध है।
भेल में कई तरह के सोलर प्लॉट
भेल द्वारा सभी प्रकार के सोलर प्लांट विकसित किए जाते हैं। जिसमें कैनल टॉप, फ्लोटिंग सोलर, सोलर पंप, स्पेस ग्रेड सोलर, ग्राउंड माउंटेड, मेजर रिफरेंस और रूफटाप आदि है।
भेल द्वारा सभी प्रकार के सोलर प्लांट विकसित किए जाते हैं। जिसमें कैनल टॉप, फ्लोटिंग सोलर, सोलर पंप, स्पेस ग्रेड सोलर, ग्राउंड माउंटेड, मेजर रिफरेंस और रूफटाप आदि है।
यहां लगा चुका है प्लॉट
बीएचईएल द्वारा जीआइपीसीएल चरंका, गुजरात में -75 मेगावाट एसपीवी संयंत्र, एनएलसी, नेवेली, तमिलनाडु में 65 मेगावाट एसपीवी प्लेट, एनटीपीसी कादिरी आंध्रप्रदेश में 50 मेगावाट एसपीवी संयंत्र और एनटीपीसी मंदसौर मध्य प्रदेश में 50 मेगावाट का एसपीवी संयंत्र का निर्माण किया गया है ।
बीएचईएल द्वारा जीआइपीसीएल चरंका, गुजरात में -75 मेगावाट एसपीवी संयंत्र, एनएलसी, नेवेली, तमिलनाडु में 65 मेगावाट एसपीवी प्लेट, एनटीपीसी कादिरी आंध्रप्रदेश में 50 मेगावाट एसपीवी संयंत्र और एनटीपीसी मंदसौर मध्य प्रदेश में 50 मेगावाट का एसपीवी संयंत्र का निर्माण किया गया है ।