कर्मचारियों ने सुबह आठ बजे से 11 बजे तक काम बंद रखा। दरअसल कुछ महीनों पहले शिक्षा मंत्री शरद जैन ने कर्मचारियों को 2016 से सातवे वेतनमान 7th pay commission latest and update news in hindi देने का वादा किया था। लेकिन विभाग द्वारा जारी आदेश में 2018 से सातवे वेतनमान देने की बात कही गई है। इससे नाराज कर्मचारियों ने सोमवार को ओपीडी में तीन घंटे काम नहीं किया।
कर्मचारियों ने इस दौरान इक_ा होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। हमीदिया अस्पताल में कर्मचारी नेता धनराज नागर ने बताया कि यदि 22 जुलाई तक अधिकारियों ने आदेश में परिवर्तन नहीं किया तो हम 23 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल 7th Pay Commission latest news in hindiपर चले जाएंगे।
नहीं मिला तीस महीने का एरियर
सातवे वेतनमान के साथ ही कर्मचारियों के नाराजगी की सबसे बड़ी वजह तीस महीनों से ऐरियर 7th pay commission latest and update news in hindi ना मिलना है। चिकित्सा शिक्षा ने जो वादा किया था, वह 2016 से लागू होना था। कर्मचारियों को 30 महीने का एरियर मिलना था। नए आदेश के अनुसार केवल चार महीने का एरियर मिलेगा। तीन घंटे की काम बंद हड़ताल में नर्सों के साथ ज्यादातर कर्मचारी फार्मासिस्ट और लैब टैक्नीशियन शामिल थे। इस वजह से सुबह वार्डों में मरीजों की रुटीन जांच, दवाएं देने जैसे जरूरी काम नहीं हो पाए। वहीं पर्चा तक नहीं बन सका। इसके साथ ही पैथोलॉजी विभाग में भी मरीजों की जांच बंद रही।
सातवे वेतनमान के साथ ही कर्मचारियों के नाराजगी की सबसे बड़ी वजह तीस महीनों से ऐरियर 7th pay commission latest and update news in hindi ना मिलना है। चिकित्सा शिक्षा ने जो वादा किया था, वह 2016 से लागू होना था। कर्मचारियों को 30 महीने का एरियर मिलना था। नए आदेश के अनुसार केवल चार महीने का एरियर मिलेगा। तीन घंटे की काम बंद हड़ताल में नर्सों के साथ ज्यादातर कर्मचारी फार्मासिस्ट और लैब टैक्नीशियन शामिल थे। इस वजह से सुबह वार्डों में मरीजों की रुटीन जांच, दवाएं देने जैसे जरूरी काम नहीं हो पाए। वहीं पर्चा तक नहीं बन सका। इसके साथ ही पैथोलॉजी विभाग में भी मरीजों की जांच बंद रही।
महाविद्यालयों के कर्मचारी भी आंदोलन की राह पर सातवें वेतन आयोग की मांग को लेकर महाविद्यालयीन और विश्वविद्यालयीन प्राध्यापकों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के बाद सोमवार से प्रदेश भर के महाविद्यालयों में पदस्थ जनभागीदारी/स्ववित्तीय एवं स्वशासी निधि कर्मचारियों ने भी आंदोलन शुरू कर दिया है।
सोमवार को प्रदेशभर में ये कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन काउंसिलिंग सेंटरों पर विद्यार्थियों की भारी भीड़ और परेशानी को देखते हुए आंदोलन को केवल दो घंटे का कर दिया। इसके बाद महाविद्यालयों के बाहर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। मध्य प्रदेश शासकीय महाविद्यालयीन जनभगीदारी कर्मचारी संघ के बैनर तले लगभग सभी महाविद्यालय के बाहर वहां पर कार्यरत कर्मचारी सांकेतिक रूप से प्रदर्शन7th pay commission में शामिल हुए।
काफी देर तक बाहर निकलकर प्रदर्शन करते रहे। बता दें 05 जून को उच्च शिक्षा मंत्री ने कर्मचारियों से मिलने के बाद उनके संबंध में तत्काल निति निर्धारण की बात कही थी, लेकिन अभी तक इनके संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ और मप्र विश्वविद्यालयीन शिक्षक संघ के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को शिक्षकों ने एक्सीलेंस कॉलेज के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। सातवें यूजीसी वेतनमान 7th pay commission in hindi की मांग को लेकर असहयोग आंदोलन कर रहे शिक्षकों के विरोध का यह चौथा दिन था। 10 जुलाई को ये शिक्षक शासकीय बेनजीर महाविद्यालय में घंटी बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे। वहीं 11 जुलाई को बरकतउल्ला विवि में छाता प्रदर्शन होगा। ऐसे ही 12 जुलाई को मानव श्रंखला बनाई जाएगी, जबकि 13 जुलाई को मुंह पर पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन किया जाएगा।