राज्य सरकार ने एक जनवरी 2016 के बाद पहले रिटायर हुए अधिकारी-कर्मचारियों को इसका लाभ तो दिया है, लेकिन इसके बाद रिटायर लोगों के आदेश जारी नहीं किए। उन्हें यह लाभ न दिए जाने का कोई स्पष्ट कारण भी नहीं बताया गया, सरकार की ओर से आश्वासन जरूर मिलता रहा, लेकिन यह आश्वासन आज तक पूरा नहीं हुआ।
एक माह पहले छत्तीसगढ़ राज्य की भी सहमति आ गई, इससे पेंशनर्स को उम्मीद बनी थी कि उन्हें यह लाभ मिलेगा, लेकिन एेसा नहीं हो सका। सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ ने 2.57 के फॉर्मूले से पेंशनरों को सातवां वेतनमान देने पर सहमति जताई है। राज्य के खजाने की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।
सरकार के खर्च बढ़े हैं, इसकी तुलना में राजस्व आय में इजाफा न होने से स्थिति अनुकूल नहीं हो पा रही है। एेसे में सरकार को खजाने की चिंता है। शायद इसलिए पेंशनर्स पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। बजट में भी इनको सातवां वेतनमान देने के लिए प्रावधान नहीं किया गया। अब पेंशनर्स को सप्लीमेंट्री बजट में उम्मीद बढ़ी है। मालूम हो इसी माह शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में सप्लीमेंट्री बजट पेश किया जाएगा।
32 माह का एरियर भी नहीं मिला
मध्यप्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी का कहना हैं कि पेंशनर्स को छठवें वेतनमान का लाभ दिया गया तो सरकार ने 30 माह का एरियर नहीं दिया। अब भी एरियर पर शंका है। पेंशनर्स महासंघ के महामंत्री खुर्शीद सिद्दीकी का कहना है कि राज्य कर्मचारियों के समान पेंशनर्स को भी लाभ दिया जाए।
मध्यप्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी का कहना हैं कि पेंशनर्स को छठवें वेतनमान का लाभ दिया गया तो सरकार ने 30 माह का एरियर नहीं दिया। अब भी एरियर पर शंका है। पेंशनर्स महासंघ के महामंत्री खुर्शीद सिद्दीकी का कहना है कि राज्य कर्मचारियों के समान पेंशनर्स को भी लाभ दिया जाए।
ग्रेच्युटी का भी मामला अटका
पेंशनर्स की ग्रेच्युटी के बारे में भी फैसला होना है। अभी यह तय नहीं है कि उन्हें ग्रेज्युटी केन्द्र सरकार के फार्मूले से दिया जाए या फिर पुरानी व्यवस्था से यह लाभ दिया जाना है। उन्हें नए फार्मूला के हिसाब से ग्रेज्युटी बनती है तो उन्हें २० लाख रुपए या फिर १६ माह का वेतन (जो भी कम हो) दिया जाएगा। यदि पुराने हिसाब से यह लाभ मिलता है तो राशि १० लाख रुपए होगी। हालांकि पेंशनर्स नए फार्मूला के हिसाब से ये लाभ चाहते हैं।
पेंशनर्स की ग्रेच्युटी के बारे में भी फैसला होना है। अभी यह तय नहीं है कि उन्हें ग्रेज्युटी केन्द्र सरकार के फार्मूले से दिया जाए या फिर पुरानी व्यवस्था से यह लाभ दिया जाना है। उन्हें नए फार्मूला के हिसाब से ग्रेज्युटी बनती है तो उन्हें २० लाख रुपए या फिर १६ माह का वेतन (जो भी कम हो) दिया जाएगा। यदि पुराने हिसाब से यह लाभ मिलता है तो राशि १० लाख रुपए होगी। हालांकि पेंशनर्स नए फार्मूला के हिसाब से ये लाभ चाहते हैं।
इधर, सरकार पूछेगी, खुशी का राज :-
सरकार चुनावी वर्ष में खुशियों को जांचने के बहाने जनता का मूड परखेगी। आनंद विभाग चरणबद्ध तरीके से राज्य में व्यापक पैमाने पर सर्वे कराने जा रहा है। पहले चरण के सर्वे के नतीजों के आधार पर ही नए साल में होने वाले आनंदोत्सव की थीम तैयार होगी। राज्यस्तरीय आनंदोत्सव हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है।
सरकार चुनावी वर्ष में खुशियों को जांचने के बहाने जनता का मूड परखेगी। आनंद विभाग चरणबद्ध तरीके से राज्य में व्यापक पैमाने पर सर्वे कराने जा रहा है। पहले चरण के सर्वे के नतीजों के आधार पर ही नए साल में होने वाले आनंदोत्सव की थीम तैयार होगी। राज्यस्तरीय आनंदोत्सव हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है।
आनंद विभाग का यह सर्वे ऐसे समय शुरू होने जा रहा है, जब हाल ही में भाजपा चित्रकूट विधानसभा उप चुनाव भारी अंतर से हारी है। पहले चरण के सीमित सर्वे में जनता से उनके खुशियों के राज पूछे जाएंगे। दो हिस्सों में रखे गए सवालों में भारतीय दर्शन के साथ भौतिक सुख के अर्थ भी तलाशे जाएंगे। विभाग सर्वे के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। सर्वे को और अधिक वैज्ञानिक बनाने के लिए दूसरे देशों की प्रश्नावलियों का भी अध्ययन किया गया है।
पूछेंगे रिश्ते कितनी खुशी देते हैं
रिश्तों को आनंद की अनुभूति के नजरिए से देखने की भी कोशिश की जाएगी। विभाग लोगों से पूछेगा कि वे कौन से रिश्ते हैं, जो सबसे अधिक खुशी देते हैं। इसमें पारिवारिक से लेकर सामाजिक रिश्ते तक शामिल हैं। यह जानने की भी कोशिश होगी कि लोग किस तरह से समय बिताते हैं और वे कौन से काम हैं जो उन्हें आनंद देते हैं।
रिश्तों को आनंद की अनुभूति के नजरिए से देखने की भी कोशिश की जाएगी। विभाग लोगों से पूछेगा कि वे कौन से रिश्ते हैं, जो सबसे अधिक खुशी देते हैं। इसमें पारिवारिक से लेकर सामाजिक रिश्ते तक शामिल हैं। यह जानने की भी कोशिश होगी कि लोग किस तरह से समय बिताते हैं और वे कौन से काम हैं जो उन्हें आनंद देते हैं।
परिवार पर फोकस
आनंद विभाग का मानना है कि हर आदमी को सबसे अधिक परिवार और समाज प्रभावित करता है। इनके बीच सामंजस्य बिठाने व सुखी जीवन की अड़चनों को जानने की कोशिश होगी। प्रदेश में सर्वे का निर्णय लिया है। ड्राफ्ट-प्रश्नावली तैयार करने का काम अंतिम दौर में है। जल्दी ही इसे करने का विचार है।
– मनोहर दुबे, सचिव आनंद विभाग
आनंद विभाग का मानना है कि हर आदमी को सबसे अधिक परिवार और समाज प्रभावित करता है। इनके बीच सामंजस्य बिठाने व सुखी जीवन की अड़चनों को जानने की कोशिश होगी। प्रदेश में सर्वे का निर्णय लिया है। ड्राफ्ट-प्रश्नावली तैयार करने का काम अंतिम दौर में है। जल्दी ही इसे करने का विचार है।
– मनोहर दुबे, सचिव आनंद विभाग