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MP में नहीं मिलेगा, छत्तीसगढ़ गए पेंशनरों को ही मिलेगा 7वें वेतनमान का लाभ

locationभोपालPublished: Aug 22, 2017 11:59:00 am

Submitted by:

Manish Gite

मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य के पेंशनरों को 7वें वेतनमान के हिसाब से पेंशन देने के फैसले के बाद अब मध्यप्रदेश के पेंशनरों की भी निगाहें प्रदेश…

बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने किया आंदोलन का ऐलान

सातवें वेतन आयोग की प्रतीकात्मक फोटो

भोपाल। मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य के पेंशनरों को 7वें वेतनमान के हिसाब से पेंशन देने के फैसले के बाद अब मध्यप्रदेश के पेंशनरों की भी निगाहें प्रदेश सरकार पर लग गई है। हालांकि मध्यप्रदेश के वित्त विभाग ने अब तक इस प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं किया है।
मध्यप्रदेश से अलग हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश में लाखों पेंशनरों को जल्द ही बढ़ी हुई पेंशन दी जाएगी। लेकिन, यहां अब तक कोई फैसला नहीं होने से MP के पेंशनर नाराज हैं। हालांकि वित्त मंत्री जयंत मलैया कहते हैं कि अभी समय है, जल्द ही निर्णय हो जाएगा।
तीन लाख पेंशनरों की लगी निगाह
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में तीन लाख से अधिक पेंशनर हैं, जिन्हें सातवें वेतनमान के हिसाब से बढ़ी हुई पेंशन दिया जाना है। चूंकि मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद कुछ कानूनी पेंचीदगियां बढ़ गई हैं। राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत बंटवारे से पहले पेंशनरों के मामले में कोई फैसला करने से पहले दोनों प्रदेश के बीच सहमति अनिवार्य होना जरूरी है। ऐसी स्थिति में जब कोई फैसला होता है तो दोनों ही प्रदेशों के पेंशनरों का मामला अटक जाता है। इससे पहले, छत्तीसगढ़ के लाखों पेंशनरों ने आंदोलन करके करके सरकार पर जब दबाव बनाया तो 7वें वेतनमान के तहत पेंशन देने का फैसला एक माह में हो गया।
मंत्रालय में कोई हलचल नहीं
इधर मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले की तरह कोई हलचल नहीं है। मंत्रालय के स्तर पर भी प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
MP में भी हो सकता है बड़ा आंदोलन
मध्यप्रदेश के पेंशनरों का संगठन जल्द ही बड़ा आंदोलन छेड़ने के मूड में है। एसोसिएशन का आरोप है कि सरकार हम बुजुर्गों की बातों पर ध्यान नहीं दे रही है। क्योंकि हम उग्र आंदोलन नहीं कर सकते हैं, बीमारियों में ही उलझे रहते हैं, घर परिवार की झंझटों से उलझे रहते हैं। ऐसे में सरकार हमें कमजोर मानते हुए हमारे विषय में कोई निर्णय नहीं लेना चाहती है। हमें सरकारी कर्मचारियों से अलग समझा जाता है।
यह भी है खास
-बजट में पेंशनरों को छोड़ दिया गया। कैबिनेट में जब निर्णय लिया गया, तब भी पेंशनरों को उसमें शामिल नहीं किया।-भारतीय पेंशनर्स महासंघ जल्द ही आंदोलन की रणनीति बना रहा है।
ये हैं पांचवे वेतनमान के पेंशनर
मध्यप्रदेश में बीस साल पहले रिटायर हुए शासकीय कर्मचारियों को फिलहाल पांचवे वेतनमान के हिसाब से पेंशन दी जाती है। राज्य सरकार अब नया प्रस्ताव लाकर इसमें संशोधन करेगा। इससे उन पेंशनरों की पेंशन बढ़ जाएगी।
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