सरकार ने माना कि उसके पास वैज्ञानिक भंडारण क्षमता नहीं है जिसके कारण दो साल में पौने आठ सौ करोड़ की प्याज नष्ट हो गई। 2016 में प्याज खरीदी में सरकार को 104.28 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। वहीं ये नुकसान चार गुना बढ़ गया।
2017 में प्याज के उपार्जन पर सरकार को 645.57 करोड़ की हानि हुई। कांग्रेस विधायक मनोज चावला ने ये सवाल सरकार से पूछा है जिसका जवाब सहकारिता और सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने लिखित में दिया। हालांकि ये प्याज खरीदी पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के समय हुई थी जिसमें प्याज सडऩे से उसे नष्ट करना पड़ा था।
अफसरों पर हुई कार्रवाई :
सरकार ने प्याज खरीदी,विक्रय,परिवहन और भंडारण में अनियमितता की जांच के लिए सहकारिता आयुक्त और खाद्य विभाग के संचालक की दो सदस्यीय टीम गठित की गई थी। इसमें 2016 में खाद्य एवं आपूर्ति निगम के अधिकारियों की लापरवाही सामने नहीं आई।
वहीं 2017 में निगम के 44 जिला प्रबंधकों को नोटिस जारी किए जिसमें से 26 अधिकारियों ने सरकार को स्पष्टीकरण दिया जिससे उनका निराकरण हो गया। बाकी जो 18 अधिकारी हैं उनके खिलाफ कार्यवाही प्रचलन में है।
मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार साल 2018 में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत कृषि उपज मंडी समिति शिवपुरी में प्याज और लहसुन की अनियमितता की शिकायत पर कृषि विपणन बोर्ड द्वारा जांच कराई गई है।