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केरवा डैम में गणेश मूर्ति विसर्जन करने गया था
प्रभारी सब इंस्पेक्टर जेपी त्रिपाठी ने बताया कि 17 वर्षीय करण पिता विनोद वंशकार ग्राम बेरखेड़ी में रहता था। वह जीवन-यापन के लिए ढोल बजाने का काम भी करता था। पिता बोरिंग से मोटर निकालने का काम करते हैं। उसने भी अपने घर में भगवान गणेश की प्रतिमा बिठाई थी। गांव से जब झांकी जा रही थी, तो वह भी उसमें शामिल हो गया। करण गुरुवार शाम गांव के लोगों के साथ गांव के पास केरवा डैम में गणेश मूर्ति विसर्जन करने गया था।
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तैरना नहीं आता था
गांव के सरपंच योगेश कुशवाह ने बताया कि विसर्जन के दौरान करण डैम में उतर गया। उसे तैरना नहीं आता था, जिसके चलते वह गहराई में चला गया। उसे डूबते हुए देख गांव वालों ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। देर रात उसे बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन वह नहीं मिला। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे उसकी लाश डैम में उतराती हुई मिल गई। उसकी मौत से गांव में मातम का माहौल है।
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नदी में डूबा युवक
खजूरी सडक़ इलाके में गणेश विसर्जन के दौरान मुंगालिया छाप के पास लीलजी नदी में 26 वर्षीय युवक राजकुमार दोहरे बह गया राजकुमार ईंट बनाने का काम करता है। गुरुवार रात वह गांव वालों के साथ नदी में गणेश प्रतिमा विसर्जित करने गया था। तभी वह पानी में डूब गया। गोताखोरों की टीम उसकी तलाश कर रही है।
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खटलापुरा घाट में, गायब थे नगर निगम प्रशासन के अफसर
खटलापुरा घाट पर देर रात 2 बजे मंत्री पीसी शर्मा कांग्रेस पार्षद गुड्डू चौहान और मोनू सक्सेना के साथ पहुंचे तो उन्होंने नगर निगम के फायर अधिकारी साजिद खान, नोडल अधिकारी आरके सक्सेना और जोनल अधिकारी के मौजूद नहीं होने पर आपत्ति जताई थी।
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कई वालेंटियर लगाने थे, 2 गोताखोरों के भरोसे छोड़े इंतजाम
गणेश विसर्जन के दौरान तालाब किनारे निगम ने भी मजबूत इंतजाम नहीं किए। विसर्जन घाटों पर सैंकड़ों की भीड़ को महज दो गोताखोरों के भरोसे छोड़ दिया गया। इन घाटों पर पानी से दूरी के लिए पर्याप्त इंतजाम करने थे, लेकिन लोग बेरोकटोक तालाब के पानी के अंदर तक पहुंच पा रहे थे। यहां जल दुर्घटना से बचाव के निर्देश वाले कोई बैनर या बोर्ड भी चस्पा नहीं किए हुए थे।