अब तक करीब 50 जगहों पर तैयारी अब तक करीब 50 जगहों पर इस तरह की व्यवस्था की जा रही है। इनमें सबसे ज्यादा पुराने शहर में हैं। एक पात्र की क्षमता करीब 70 लीटर की है। इन्होंने बताया हम लोगों को निशुल्क पात्र उपलब्ध कराते हैं इसके बदले उनसे केवल एक संकल्प लेते हैं कि वे इसे भरने की व्यवस्था करेंगे। इस इंतजाम में लगे कृपाल राठौर, अविनाश माहेश्वरी और विनोद जैन सहयोग कर रहे हैं। ये सभी अलग-अलग क्षेत्र में कार्यरत हैं। समाज सेवा से जुड़ी इस मुहिम के तहत साथ आए हैं।
मां से मिली प्रेरणा
धमेन्द्र ने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हें अपनी मां से मिली। पशु पक्षियों की वे देखभाल करती थी। उन्होंने संकल्प लिया था कि इस काम का आगे बढ़ाऊ। उसी के तहत काम कर रहा हूं।
धमेन्द्र ने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हें अपनी मां से मिली। पशु पक्षियों की वे देखभाल करती थी। उन्होंने संकल्प लिया था कि इस काम का आगे बढ़ाऊ। उसी के तहत काम कर रहा हूं।
कैद पक्षियों को कराया आजाद
ऐसे पक्षी जो पिंजरों में कैद कर रखे जाते हैं उन्हें आजाद कराने के लिए भी इन्होंने एक मुहिम चलाई थी। इसके तहत कई पक्षियों को कैद से मुक्ति दिलाई। इसके बदले बेचने वालों को कीमत भी अदा की।
ऐसे पक्षी जो पिंजरों में कैद कर रखे जाते हैं उन्हें आजाद कराने के लिए भी इन्होंने एक मुहिम चलाई थी। इसके तहत कई पक्षियों को कैद से मुक्ति दिलाई। इसके बदले बेचने वालों को कीमत भी अदा की।