दरअसल 45 वर्षीय एक महिला के बीते तीन दिन से पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और उल्टियां हो रही थीं। सोनोग्राफी करने पर पता चला कि मरीज को गॉल ब्लैडर में पथरी है लेकिन मरीज का लिवर और गॉल ब्लेडर शरीर के बाएं हिस्से में था। अमूमन यह शरीर के बाएं हिस्से में होते हैं। मरीज की अन्य जांच की तो रिपोर्ट देखकर एक बारगी डॉक्टर को भी विश्वास नहीं हुआ। सिर्फ लिवर और गॉलब्लैडर ही नहीं मरीज के अन्य अंग जैसे दिल, किडनी और पेट भी विपरीत दिशा मे थे। ऑपरेशन करने वाले सर्जन डॉ. महिम कोशारिया बताते हैं कि यह दुर्लभ बीमारी होती है जिसे डेकस्ट्रोकार्डिया और साइटस इन्वर्सेस विसेरम करते हैं।
बेहद कठिन था उल्टे हाथ से ऑपरेशन
डॉक्टर कोशरिया के मुताबिक गॉलब्लेडर बाई तरफ होने के कारण दाएं हाथ के डॉक्टर के लए पथरी का ऑपरेशन करना बहुत जटिल होता है। हमें ऑपरेशन के लिए उल्टे हाथ से ऑपरेशन करना पड़ा। यह ठीक वैसा ही था जैसे किसी सीधे हाथ के व्यक्ति कसे उल्टे हाथ से लिखना। यह एक दुर्लभ बीमारी होती है तो बीस हजार में से एक व्यक्ति को होती है। यही नहीं तमाम मेडिकल जनरल के अनुसार दुनिया में अब तक सिर्फ 60 बार ही ऐसे ऑपरेशन किए गए हैं।
डॉक्टर कोशरिया के मुताबिक गॉलब्लेडर बाई तरफ होने के कारण दाएं हाथ के डॉक्टर के लए पथरी का ऑपरेशन करना बहुत जटिल होता है। हमें ऑपरेशन के लिए उल्टे हाथ से ऑपरेशन करना पड़ा। यह ठीक वैसा ही था जैसे किसी सीधे हाथ के व्यक्ति कसे उल्टे हाथ से लिखना। यह एक दुर्लभ बीमारी होती है तो बीस हजार में से एक व्यक्ति को होती है। यही नहीं तमाम मेडिकल जनरल के अनुसार दुनिया में अब तक सिर्फ 60 बार ही ऐसे ऑपरेशन किए गए हैं।
मरीज पूरी तरह ठीक
डॉ. कोशरिया के मुताबिक गॉल ब्लेडर के ऑपरेशन में सामान्यत: 45 मिनट लगते हैं लेकिन इस केस में दो घंटे लगे। हालांकि मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और उसे छुट्टी दे दी गई है। ऑपरेशन में डॉ. कोशरिया के साथ डॉ. मोहित जैन, डॉ. सुरभी गर्ग , डॉ. वरुण एवं डॉ. शशिकांत और टीम ने अंजाम दिया।
डॉ. कोशरिया के मुताबिक गॉल ब्लेडर के ऑपरेशन में सामान्यत: 45 मिनट लगते हैं लेकिन इस केस में दो घंटे लगे। हालांकि मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और उसे छुट्टी दे दी गई है। ऑपरेशन में डॉ. कोशरिया के साथ डॉ. मोहित जैन, डॉ. सुरभी गर्ग , डॉ. वरुण एवं डॉ. शशिकांत और टीम ने अंजाम दिया।