दरअसल जिले के उदयपुरा तहसील में आवारा पशुओं से परेशान किसानों ने कुछ दिन पहले प्रशासन और पुलिस को ज्ञापन देकर समस्या को हल करने की मांग की थी। इस ज्ञापन के साथ में चेतावनी भी दी गई थी कि, समय रहते आवारा पशुओं का विस्थापन नहीं किया गया तो पशुओं को तहसील में लाकर छोड़ देंगे।
जब कार्रवाई नहीं हुई तो सोमवार को किसानों ने इस दी गई चेतावनी को पूर्ण कर भी दिखाया। ऐसे में सोमवार को दोपहर बाद से ग्रामीण क्षेत्रों से लोग आवारा पशुओं को घेरकर उदयपुरा लाए और तहसील में छोडऩा शुरू कर दिया। इसके बाद देखते ही देखते तहसील परिसर और पुरानी तहसील का परिसर पशुओं से भर गया। रात आठ बजे तक यहां करीब ढाई हजार पशु जमा हो गए थे।
इस संबंध में जिस गांव में भी यह सूचना पहुंचती, वहीं के लोग पशुओं को घेरकर उदयपुरा पहुंचे। स्थिति को देख प्रशासनिक अधिकारी सकते में आ गए। तहसील में एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, थाना प्रभारी, जनपद सीईओ सहित अन्य अधिकारी पहुंच गए थे।
भारतीय किसान यूनियन के बेनर तले ग्राम पांजरा, बींझा, सिलारी, रेहली सहित करीब 12 गांवों के सैकड़ों किसान आवारा मवेशियों को गांवों से घेरकर तहसील कार्यालय में लाए।
तहसील परिसर में सैकड़ों आवरा मवेशियों को देखकर अधिकारियों की सांसें फूल गईं। अधिकारी आपस में मंत्रणा कर समस्या का हल निकालने का प्रयास करते रहे, जबकि पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी।
किसानों का कहना था कि आवारा मवेशी उनके लिए बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। कई बार अधिकारियों को ज्ञापन देकर समस्या का हल निकालने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब प्रशासन अपने द्वार पर आई इस समस्या का हल खुद निकाले। किसान आवारा मवेशियों द्वारा फसलों को नष्ट करने से परेशान हैं। सड़कों पर बैठे पशुओं के कारण लगभग हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन जिम्मेदार कुछ करने को तैयार नहीं हैं।
किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष त्रिभुवन दुबे, ब्लॉक अध्यक्ष मुकेश शर्मा, गुड्डू लोधी, ओम प्रकाश, रामपाल सिंह, भगवान सिंह, चोखेलाल लोधी, इमरत सिंह बारह कलां, मलखान सिंह, भीषम सिंह, पुरुषोत्तम सिंह आदि ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे थे।
– केशव पटेल, अध्यक्ष नप उदयपुरा
– आशीष जोशी, सीईओ जनपद पंचयात उदयपुरा