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अतिथि शिक्षकों के लिए ऑनलाइन नियुक्ति प्रक्रिया, जानिये क्या है मामला…

locationभोपालPublished: Aug 05, 2018 09:58:44 am

नए सिस्टम की खामी ने प्रदेश भर में …

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अतिथि शिक्षकों के लिए ऑनलाइन नियुक्ति प्रक्रिया, जानिये क्या है मामला…

भोपाल। अतिथि शिक्षकों के लिए ऑनलाइन नियुक्ति प्रक्रिया मुसीबत बन गई है। पिछले साल पंजीकृत जिन शिक्षकों के नाम लिस्ट में आए हैं, उनकी योग्यता और अनुभव का ख्याल नहीं रखा गया। एेसे में वर्षों से सेवारत हजारों अतिथि शिक्षक बेरोजगारी की कगार पर हैं।
10 वर्षों से हायर सेकेंडरी स्तर पर कस्तूरबा विद्यालय में सेवाएं दे रहीं शाहना खान एमए इंग्लिश हैं। उन्होंने 2017 में वर्ग एक के तहत ऑनलाइन आवेदन किया था। उन्हें वर्ग दो के तहत लिया गया। वहां भी इन्हें स्थान नहीं मिल सका। तीन वर्षों से हबीबगंज स्कूल में अतिथि शिक्षक रहीं शिल्पी अवस्थी को सत्र शुरू होते ही प्रबंधन ने ड्यूटी पर बुला लिया। अप्रैल के बाद जून में दो सप्ताह और पूरे जुलाई सेवाएं दी, लेकिन पैनल में नाम नहीं होने के चलते उन्हें घर बैठना पड़ा।
यही नहीं शिक्षकों को एेसे स्कूलों में भेज दिया गया, जहां उनका विषय ही नहीं है। स्कूल पहुंचने पर कई शिक्षकों को कहा गया कि भर्ती हो चुकी है।

हम सैलरी समेत पूरा सिस्टम ऑनलाइन कर रहे हैं। यदि किसी स्कूल में किसी को रख भी लिया गया है तो उन्हें हटाना ही होगा। अप्रैल-जून में बुलाए गए शिक्षकों के वेतन पर निर्णय होना है।
– नीरज सक्सेना, डीपीआई
इधर, ऑनलाइन आवेदन में योग्यता को लेकर भ्रम:-
वहीं दूसरी ओर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीइबी) द्वारा 27 जुलाई को समूह तीन के तहत उपयंत्री और मानचित्रकार के लगभग 800 पदों के लिए निकाली गई भर्ती प्रक्रिया में ऑनलाइन आवेदन के समय योग्यता को लेकर पैदा किए गए भ्रम से बीइ के छह लाख छात्र असमंजस में फंस गए हैं।
इंजीनियरिंग की डिग्री लिए आवेदकों को उनका आवेदन फार्म निरस्त होने का डर सता रहा है। अब प्रतिदिन सैकड़ों छात्र पीइबी कार्यालय और जीएडी के चक्कर लगा रहे हैं।

आवेदन की अंतिम तिथि 10 अगस्त रखी गई है। विभाग द्वारा जारी नियमावली के अनुसार उपयंत्री के लिए आवेदक ने हाइस्कूल, हायर सेकंडरी परीक्षा के साथ संबंधित अभियांत्रिकी विषय में तीन वर्षीय डिप्लोमा उत्तीर्ण किया हो या फिर उच्च योग्यता हो।
नियमावली में स्पष्ट निर्देश के बाद भी जब अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो उन्हें संबंधित ब्रांच में इंजीनियरिंग के पद के लिए केवल तीन वर्षीय डिप्लोमा की मांग की जा रही है। जिसमें अभ्यर्थी से यह पूछा जा रहा है कि उसने तीन वर्षीय डिप्लोमा किया है अथवा नहीं।
इसमें कहीं पर भी डिप्लोमा के साथ उच्च योग्यता की बात नहीं कही गई है। अभ्यर्थियों को इसी नियम ने दुविधा में डाल दिया है।

सता रहा है आवेदन निरस्त होने का डर…
अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि वे हां पर टिक करते हैं तो यह एक तरह से गलत जानकारी देना हुआ। और न पर टिक करते हैं तो ऑनलाइन फार्म ही नहीं भर पा रहे। कम्प्यूटर उन्हें फार्म भरने की अनुमति ही नहीं दे रहा है। एेसे में वे दुविधा में फंस गए हैं। हमारी इस समस्या का निराकरण कोई नहीं कर रहा है।
हम तो केवल परीक्षा कराते हैं : पीइबी
इस संबंध में जब पीइबी के परीक्षा नियंत्रक एकेएस भदौरिया से बात की गई तो उन्होंने पीइबी को केवल परीक्षा कराने वाली संस्था बताकर पल्ला झाड़ लिया।
नियमों के बारे में उनका कहना है कि हो सकता है उपयंत्री के लिए केवल डिप्लोमा मांगा जा रहा हो। इंजीनियरिंग वाले छात्र उन्हें चाहिए ही न हो, हालांकि सही क्या है उन्हें जानकारी नहीं।
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