कैमरा कभी नेपोटिज्म नहीं देखता
नेपोटिज्म को लेकर आयुष ने कहा कि यह सिर्फ बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि हर फील्ड में है और मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता है। अगर डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनना चाहता है तो एक्टर का बेटा एक्टर क्यों नहीं बन सकता? यह बात सही है कि इंटस्ट्री में काफी टैलेंटेंड एक्टर्स हैं जिन्हें प्लेटफॉर्म नहीं मिलता। क्योंकि बड़ा प्लेटफॉर्म ही किसी एक्टर को बड़ा एक्टर बनाता है, उन्हें भी प्लेटफॉर्म मिलना बहुत जरूरी है। सलमान भाई की वजह से मुझे यह प्लेटफॉर्म मिला है और इसके लिए मैंने काफी मेहनत की है। मैं चाहता हूं जब लोग फिल्म देखकर निकले तो उन्हें लगे कि वाकई मैं यह चांस डिजर्व करता था। वैसे भी कैमरा नहीं देखता है कि आप किसके बेटे या भाई हो वहां आपको अपनी एक्टिंग स्किल के जरिए आपको खुद को साबित करके दिखाना होता है।
मैं चाहता हूं कि लोग मुझे कॉपी करें
आयुष ने बताया, उन्हें किसी एक्टिंग स्कूल में जाने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि सलमान खुद ही अपने आप में एक्टिंग स्कूल हैं। सलमान भाई ने जब मुझे एक्टिंग सिखाई तो उनका तरीका सबसे अलग था। वे अपनी किसी फिल्म का कोई एक सीन मुझे करने को देते और कहते कि इसे अपने हिसाब से अपनी स्टाइल में करो क्योंकि इंडस्ट्री के पास एक सलमान खान पहले से है, इसलिए मुझे कॉपी मत करना। आयुष ने कहा, किसी की कॉपी नहीं करना चाहता पर मैं चाहूंगा कि लोग मुझे कॉपी करें।
पॉलिटिक्स में कोई इंट्रेस्ट नहीं
राजनीतिक फैमिली से ताल्लुक रखने वाले आयुष बताते हैं कि मैं भले ही पॉलिटिकल फैमिली से हूं लेकिन मेरा राजनीति में जाने का बिल्कुल भी इंट्रेस्ट नहीं है। चुनाव लडऩे के लिए एक्सपीरियंस की जरूरत होती है और मैं अभी काफी यंग हूं। यह बात सही है यंगस्टर्स को पॉलिटिक्स में आना चाहिए लेकिन मैं बचपन में ही मंडी से निकलकर पढ़ाई के लिए दिल्ली चला गया था। मैं जिस शहर में बड़ा ही नहीं हुआ, वहां के लोगों की प्रॉब्लम्स के बारे में मुझे नहीं पता तो मैं वहां से इलेक्शन कैसे लड़ सकता हूं। आपको बता दें कि आयुष के पिता अनिल शर्मा हिमाचल प्रदेश की मंडी विधानसभा से विधायक है और हिमाचल प्रदेश सरकार में एमपीपी एंड पावर मिनिस्टर हैं।
अफगानिस्तान से हूं लेकिन हिंदी अच्छी बोल लेती हूं
फिल्म ‘लवरात्री’ से इंडस्ट्री में डेब्यू कर रहीं वरीना हुसैन के पिता इराक से और मां अफगानिस्तान की हैं। उनका बचपन काबुल में बीता बाद में वो दिल्ली आ गईं। मॉडलिंग करते हुए लवरात्रि के लिए ऑडिशन दिया जो सलमान खान को पसंद आया और बात बन गई। वरीना ने बताया, जब वह ऑडिशन देने गई थी, सब उनसे अंग्रेजी में बात रहे थे, क्योंकि वे मान रहे थे कि मुझे हिन्दी नहीं आती, लेकिन एेसा नहीं है।
अफगानिस्तान में भी सबको हिन्दी आती है और वहां हिन्दी फिल्में और टीवी सीरियल्स काफी देखे जाते हैं। वरीना ने बताया कि 6 साल पहले जब मैं अपना पहला फोटोशूट करा रही थी तो उस वक्त मैरे हाथ-पैर कांप रही थी। सलमान सर काम के मामले में बहुत स्ट्रिक्ट हैं, वो जो शेड्यूल बनाते थे उसे कम्प्लीट करना होता था। पूरा माहौल मिलिट्री ट्रेनिंग जैसा होता था लेकिन उसके बाद जो बदलाव आता है वो वाकई देखने लायक है।