इसके उलट यहां सरकारी आवास के लिए छठवां टॉवर रंगमहल से बाणगंगा की ओर वाले नाले पर ही बना दिया गया। नाला सीमेंट कांक्रीट की स्लैब व मलबे से बंद हुआ तो अब रंगमहल के साथ ही जवाहर चौक की ऊंचाई वाले क्षेत्र से बहकर आने वाला पानी किसी झरने की तरह पलाश मार्केट के सामने की रोड पर बहने लगा। सड़क पर पानी का बहाव लगातार जारी है। बेसमेंट पार्किंग के साथ तैयार किया जा रहा दशहरा मैदान के बेसमेंट में दो मंजिला तक जलभराव हो चुका है।
सबसे बड़ी चुनौती
14 एकड़ से कैसे निकालेंगे पानी: दशहरा मैदान की पार्किंग में काफी पानी जमा हो गया है। इसका क्षेत्रफल करीब 14 एकड़ है। अब ये पानी कैसे निकालेंगे इस पर स्मार्टसिटी के अफसर चिंतन मनन कर रहे हैं।
90 प्लॉट तैयार करना थे: 342 एकड़ क्षेत्रफल में एबीडी प्रोजेक्ट तय कर यहां 90 प्लॉट बनाने का काम किया था। दस करोड़ रुपए इसके लिए ठेका एजेंसी को दिए गए, लेकिन 20 फीसदी पर भी प्लॉटिंग नहीं हो पाई। इससे पूरा प्रोजेक्ट खटाई में चला गया है।
विकास बढ़ना था, यहां कम हो गया: केंद्र ने स्मार्टसिटी के माध्यम से संबंधित शहर से लेकर केंद्र तक विकास की गति 85 फीसदी तक बढ़ाने की परिकल्पना की थी। भोपाल में इसका उलट ही हुआ।
प्रोजेक्ट पर तय प्लान के अनुसार काम चल रहा है। काम प्रगति पर है, जब पूरा होगा तो स्थितियां बेहतर और स्पष्ट नजर आएगी।
- अंकित अस्थाना, सीईओ, स्मार्टसिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन
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