इन बसों का संचालन निजी बस ऑपरेटरों के माध्यम से किया जाएगा। लेकिन परिवहन विभाग के नियम-कायदे और किराया-भाड़ा राज्य सरकार के लागू रहेंगे। अब तक करीब 100 बसों के लिए सहमति हो चुकी है। 100 बसों के टेंडर अंतिम चरण में है। डेढ़ दर्जन से अधिक शहरों को जोडऩे वाले मार्ग भी फाइनल हो चुके हैं। इन मार्गों पर जून में ही बसें शुरु हो जाएगी।
इस मॉडल के तहत चलाई जाने वाली सभी बसों में इंटलीजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के साथ ही लास्ट मिल कनेक्टिविटी भी होगी। यानी यात्री जिस स्टैंड पर उतरेगा उसे वहां से घर पहुंचाने साधनों से इन बसों को जोड़ा जाएगा। ताकि यात्रियों की आवाजाही सुगम हो सके।
शहर की आबादी के हिसाब से बस संचालन का खर्च नगरीय निकायों को देना होगा। इनमें 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए केंद्र सरकार 33 प्रतिशत, राज्य सरकार 50 प्रतिशत और स्थानीय नगरीय निकाय 17 प्रतिशत खर्च वहन करेगी। वहीं 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में इस प्रोजेक्ट पर 50 प्रतिशत केंद्र, 40 प्रतिशत राज्य और 10 प्रतिशत नगरीय निकायों को खर्च उठाना होगा।
इन शहरों में सबसे पहले दौडेंगी बसें
विकास मिश्रा, उपायुक्त, शहरी आवास एवं विकास