कश्मीर समस्या से कश्मीरी हिन्दू ही दूर
उन्होंने कहा कि कश्मीर मामले में अब तक बहुत अच्छा काम हुआ है। हालांकि सरकार का हर बड़ा नुमाइंदा कश्मीर ही जाता है। पिछले सात सालों में एक भी नेता जगती कैंप में नहीं आया। यहां करीब 60 हजार विस्थापित बहुत खराब हालात में रह रहे हैं। कश्मीर की समस्या से कश्मीरियों को ही दूर रखा जा रहा है। मेरा मानना है कि कश्मीर के लिए योजना बनाने में कश्मीर हिन्दू बुद्धिजीवियों को सबसे पहले शामिल करना चाहिए। हमें बसाने से पहले योजना तो बनाए। हम भेड़-बकरी नहीं है जो ले जाकर छोड़ दिया। यूपीए सरकार ने भी यही गलतियां की।
अब कहानियों का स्वरूप बदल जाएगा
उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते इंडस्ट्री में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। ड्राइव-इन सिनेमा का कॉन्सेप्ट अब यहां भी पॉपुलर हो सकता है। हालांकि इससे किसी थिएटर फॉर्म को फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वेब सीरिज पर सेंसरशिप का कोई मतलब नहीं है। सेंसरशिप खुद की जिंदगी में होना चाहिए। बचपन में स्कूल में यदि सेंसरशिप होगी, ये बताया जाएगा कि लड़कियों की इज्जत करना चाहिए तो देश में निर्भया जैसी घटनाएं नहीं होगी। ये ज्यादा जरूरी है।