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सेहत से खिलावड़: सिंथेटिक दूध की होगी फॉरेंसिक जांच, छापेमार कार्रवाई के साथ ही लगेगा रासुका

locationभोपालPublished: Jul 23, 2019 07:00:57 am

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Radhyshyam dangi

– ग्वालियर जिला अदालत में लगाई अर्जी, अनुमति मिलते ही सागर लैबोरेट्री भेजे जाएंगे नकली दूध, मावा, पनीर के नमूने
– नकली दूध बनाने वालों पर शासन हुआ सख्त
 

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भोपाल. भिंड-मुरैना की तीन फैक्ट्रियों में बनाए जा रहे सिंथेटिक दूध, मावा व पनीर की अब एसटीएफ फॉरेंसिक जांच करवाएगा। एसटीएफ ने जांच के लिए प्रतिवेदन तैयार कर ग्वालियर जिला अदालत में पेश करने की तैयारी कर ली है।
19 जुलाई को एसटीएफ की कार्रवाई के दौरान जब्त नमूनों की एक जांच खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग की भोपाल स्थित लैब में होगी, लेकिन एसटीएफ अपने स्तर पर इन पदार्थों में मिलाए गए केमिकल का विश्लेषण जांचने के लिए फारेंसिक जांच करवाएगा।
एसटीएफ ने लहार के गोपाल चिलिंग सेंटर, गिर्राज फूड और वन खड़ेश्वरी डेयरी अंबाह, मुरैना फैक्ट्रियों के खिलाफ मानव जीवन के लिए हानिकारक/घातक रसायनों और अपद्रव्यों से दूध और दूध के उत्पादों में मिलावट करने, जहरीला दूध व उसके उत्पाद बनाने के मामलों की धाराएं लगाई है। अब फॉरेंसिक जांच के लिए जिला अदालत की अनुमति आवश्यक है। इसलिए एसटीएफ ने जिला अदालत में प्रतिवेदन पेश कर यह जांच की मांग करेगा।

रासुका के तहत कार्रवाई

राज्य शासन द्वारा भी यूरिया जैसे घातक पदार्थों से दूध व उससे बने उत्पादों का कारोबार करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। शासन ने सोमवार को इसका आदेश जारी कर दिया। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी राम सिलावट ने सोमवार को खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर रासुका के तहत कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
विधानसभा कक्ष में आयोजित बैठक में खाद्य एवं औषधीय प्रशासन नियंत्रक रविंद्र सिंह से मंत्री ने कहा कि सिंथेटिक दूध और उससे बने अन्य उत्पाद स्वास्थ्य के लिए घातक है। यह भी निर्देश दिया गया कि जिले स्तर पर उडऩदस्ते बनाकर ऐसे कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

संयुक्त दल करेगा कार्रवाई

मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सिंथेटिक दूध के व्यापारियों की धरपकड़ के लिए संभागायुक्तों, कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों के दलों द्वारा संयुक्त कार्रवाई की जाए। जहां गड़बड़ी पाई जाए, उनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाए। यदि इसमें शिथिलता बरती जाती है या कोई अधिकारी लापरवाही बरतता हैं तो उनके खिलाफ भी शासन स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेशभर में छापेमारी

सिंथेटिक दूध का मामला सामने आने के बाद सरकार ने सभी जिलों में छापामार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बाद सोमवार को जिला प्रशासन और खाद्य सुरक्षा के अमले ने सभी जिलों में दूध और उसके उत्पादों की जांच शुरू कर दी है। ग्वालियर चंबल संभाग में कार्रवाई को लेकर सरकार ने आठ सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। जबलपुर में अमानक खाद्य सामग्री मिलने पर तीन व्यापारियों के लाइसेंस निरस्त किए हैं। इसी तरह प्रदेशभर में यह कार्रवाई चल रही है।

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