scriptएक्टर्स सिर्फ एक्टिंग करे, सिंगिंग करना सिंगर्स का काम | Actors should only act, Singing is the work of singers | Patrika News

एक्टर्स सिर्फ एक्टिंग करे, सिंगिंग करना सिंगर्स का काम

locationभोपालPublished: Oct 21, 2019 08:24:46 am

Submitted by:

hitesh sharma

मैनिट में टेक्नोफेस्ट में शामिल होने आईं असीस कौर ने कहा

एक्टर्स सिर्फ एक्टिंग करे, सिंगिंग करना सिंगर्स का काम

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भोपाल। मेरे पिता की चाहत थी कि उनके बच्चे गुरुवाणी गाए। मैंने 4 साल की उम्र में भाई-बहनों के साथ गुरुद्वारे में भजन शुरू किया। यही मेरा शौक हो गया। जब मैं 6वीं क्लास में पढ़ती थी, तब मेरा सोलो गुरबानी एल्बम भी रिलीज हुआ था। जालंधर में हुए कॉम्पीटिशन में मैंने प्राइज भी जीता था। तभी मुझे लगा कि प्लेबैक सिंगिंग करना चाहिए। यह कहना है प्लेबैक सिंगर असीस कौर का, जिन्होंने फिल्म तमंचे, कपूर एंड संस और केसरी जैसी कई फिल्मों में गाने गए हैं। उन्होंने शनिवार को पत्रिका प्लस से बातचीत करते हुए कहा कि आज हर म्यूजिक कंपोजर कोशिश करता है कि गाना सुपरहीट हो। वह हर गाने को अलग-अलग सिंगर्स से रिकॉर्ड करवाते हैं, जिसकी आवाज सुटेबल होती है, उसे ही सलेक्ट करते हैं।

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एक्टिंग एक टैलेंट है लेकिन आवाज गॉड गिफ्ट

एक्टर्स के सिंगिंग करने पर असीस ने कहती हैं कि सिंगिंग और एक्टिंग एक आर्ट है। मेरा मानना है कि एक्टिंग एक टैलेंट है, जो हीरो और हीरोइन करते है, लेकिन आवाज गॉड गिफ्ट है। इसके लिए सालों तक साधना करनी पड़ती है। आज टेक्निकल इंट्रूमेंट्स आ गए है, जिसकी वजह से वॉइस ट्यून हो जाती है। अब नॉन फिल्मी म्यूजिक भी बन रहे हैं। इसे बढ़ावा मिल रहा है। पिछले कुछ समय से भी देखा जा रहा है कि नॉन फिल्मी गीतों को भी उतना ही ऑडियंस पसंद कर रही है जितना फिल्म के म्यूजिक को।

मैनिट में हुए टेक्नो इवेंट्स
मैनिट में टेक्नोफेस्ट में 36 टेक्नो इवेंट्स भी आयोजित हुए। पिक्सल ग्रुप की ओर से एब्स्ट्रैक थीम पर एग्जीबिशन लगाई गई। इसमें कई संदेश दिए गए। प्रोजेक्टर के माध्यम से पर्दे पर चलाई गई स्टोरी में पशुओं पर की जा रही क्रूरता का वर्णन है। इसके चारों ओर बांस पर ग्रुप मेंबर्स के उल्टे फोटो लगाए गए, जो यह संदेश दे रहे थे कि इंसानों पर किस तरह के जुल्म हो रहे हैं। वहीं, एब्स्ट्रैक्ट के माध्यम से इंसानों द्वारा किए जा रहे धरती के असीमित दोहन और नुकसान को दिखाया गया। इसमें कांच के पानी की बोतलों के जरिए दिखाया गया कि किस तरह जल स्तर कम हो रहा है। वहीं, दूसरे में पक्षियों के पंख है जो यह दर्शा रहे है कि उनकी मौजूदगी कम होती जा रही है।

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