कभी फिल्मों में नाम कमाने वाली शर्मिला टैगोर के तीन बच्चे सैफ अली खान , सबा अली और सोहा अली। शर्मिला अपनी बच्चों के साथ खानदानी प्रापर्टी की देखरेख करती हैं। पटौदी खानदान की हरियाणा, दिल्ली और भोपाल रियासत में अरबों रुपयों की प्रापर्टी है। उनकी बड़ी बेटी सबा अली औकाफ-ए-शाही के पेंडिंग कामों को निपटाने के लिए अक्सर भोपाल आती रहती हैं।
mp.patrika.com बताने जा रहा है नवाबों के शहर भोपाल में उनकी प्रापर्टी के किस्से, जिसे आज भी सुना और सुनाया जाता है…।
आइए जानते हैं पटौदी खानदान की संपत्ति के बारे में
कुछ कीमती प्रॉपर्टीज के बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं। इनमें कई हवेलियां और कोठियां शामिल हैं। कुछ पर विवाद चल रहा है।
एक अरब से ज्यादा है फ्लैग हाउस की कीमत
भोपाल नवाब की यह वही प्रापर्टी है, जो आज विवादों में है। इस फ्लैग हाउस की कीमत एक अरब से ज्यादा है। इसके अलावा इस कोठी में नवाब के समय के कई एंटीक साजो-सामान भी रखे हुए हैं।
पटौदी के शाही खानदान की इस प्रॉपर्टी की कीमत करीब 800 करोड़ रुपए आंकी जाती है। अब इसे हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया गया है।
शाही निवास
भोपाल के सबसे पॉश इलाके कोहेफिजा में है यह शाही निवास। इसके एक हिस्से में कॉलेज बन चुका है और दूसरे हिस्से में नवाब के वारिस स्कूल चला रहे हैं। इसकी कीमत भी अरबों में है।
सैकड़ों एकड़ में है जमीन
नवाब की भोपाल, रायसेन, सीहोर जिलों में सैकड़ों एकड़ जमीन है। भोपाल नवाब खानदान के पास अभी भी 2700 एकड़ जमीन है। कई जमीनों पर मुकदमे चल रहे हैं। कई जमीनें नवाब के कब्जे में है।
मस्जिद और दरगाह
भोपाल के नवाबों द्वारा बनाई हुई इस मस्जिद और दरगाह की संपत्ति की देख-रेख एक ट्रस्ट कर रहा है। इसे औकाफ-ए-शाही कहा जाता है। मक्का और मदीना की धर्मशाला भी यही ट्रस्ट संभालता है। यह भी नवाब की प्रापर्टी है।
काफे शाही की संपत्ति है आरिफ नगर
बाग नुजहत अफजा (आरिफ नगर) की भूमि को संस्था की बताते हुए सबा ने कहा कि यहां से अवैध कब्जा हटाने के हाईकोर्ट से आदेश हो चुके हैं, लेकिन जिला प्रशासन इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रहा है। लिहाजा, अब हाईकोर्ट में दोबारा कब्जा हटवाने की अपील की जाएगी।
पटौदी की शान है चिकलोद कोठी
नवाब की शिकारगाह होने के साथ ही चिकलोद कोठी इसलिए भी खास थी कि यहां देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू रुकना पसंद करते थे। चारों तरफ जंगल और कोठी के बगल में तालाब उन्हें बेहद पसंद था। भोपाल के नवाब भी यहां शिकार खेलने आते थे। पं.नेहरू यहां प्रोटोकॉल तोड़कर यहां आ जाते थे। वे भोपाल नवाब हमीदुल्ला खां की पत्नी मैमूना सुल्तान के कहने पर अक्सर यहां रुकते थे।
9वें नवाब थे पिता
1917 से 1952 इफ्तिखार अली हुसैन सिद्दिकी पटौदी रियासत के 8वें नवाब थे। इफ्तिखार क्रिकेटर भी थे। वे पहले इंग्लैंड टीम की तरफ से खेले थे। उसके बाद भारतीय टीम के कप्तान भी बने। इफ्तिखार के इंतकाल के बाद पटौदी रियासत के 9वें नवाब मंसूर अली खां पटौदी बने, जिन्हें सब टाइगर पटौदी के नाम से भी जानते हैं। वे भी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं। 22 सितंबर 2011 को मंसूर अली खां पटौदी ने फेफड़ों की बीमारी के बाद अंतिम सांस ली थी।
यह बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि नवाब मंसूर अली खां पटौदी की पत्नी का नाम आयशा सुल्तान है। इस्लाम धर्म कबूल करने के बाद फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर का नाम आयशा सुल्तान ही हो गया है।
नवाब पटौदी की तीन संतान हैं। बड़ा बेटा सैफ, सबा और सोहा तीसरे नंबर की है। दिल्ली में सबा का 40 साल पहले जन्म हुआ था। वह फैशन डिजाइनर भी है। सैफ अली खान की पत्नी बनने के बाद करीना कपूर भी पटौदी परिवार में शामिल हो चुकी थी।
हरियाणा के पटौदी पैलेस में अक्सर बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी होती रहती है। अब तक यहां मंगल पांडे, वीर ज़ारा, रंग दे बसंती और लव जैसी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।
नवाब मंसूर अली खां पटौदी के इंतकाल के बाद उन्हें महल परिसर में ही दफनाया गया था। यहीं पर उनकी कब्र के पास दादा-दादी और पिता की भी कब्र है।