वहीं इससे पहले कहा जा रहा था कि 13 जुलाई को सीएम शिवराज सिंह संविलियन आदेश जारी करने वाले हैं। इसी दिन अध्यापकों की ओर से उनका सम्मान किया जाएगा, परंतु फिर ऐसा भी कोई आदेश या कार्य नहीं हुआ। जिसके चलते 13 जुलाई सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक अध्यापकों द्वारा आदेश का इंतजार किया जाता रहा था।
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इससे पहले मुख्यमंत्री ने 21 जनवरी को सीएम हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में संविलियन की घोषणा की थी। इसके बाद 29 मई को कैबिनेट ने इस पर फैसला लिया था। तभी से अध्यापकों के संगठन संविलियन के आदेश जारी करने के लिए आंदोलन के जरिये सरकार पर दबाव बना रहे थे। अभी प्रदेशभर में ये अध्यापक चार विभागों के अधीन काम कर रहे हैं। इन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं है। ये नगरीय-पंचायती निकायों और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधीन हैं।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की जनआर्शीवाद यात्रा ने शनिवार को राजपुर विधानसभा के अंजड़ क्षेत्र से बड़वानी जिले में प्रवेश किया। यात्रा में चौहान ने मुख्यमंत्री सरल बिजली बिल योजना, असंगठित मजूदरों का पंजीयन कर मिलने वाली सुविधाओं, गरीबों को पट्टे देने सहित तमाम पुरानी घोषणाओं को दोहराया।
सोमवार को इसके आदेश पारित किए जाएंगे:
यहां प्रदेश के सबसे बड़े अध्यापक वर्ग को साधने के लिए उन्होंने 21 जनवरी 2018 को भोपाल में हुई अध्यापक पंचायत में अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन करने की घोषणा को अमलीजामा पहनाने का प्रयास भी किया। यहां उन्होंने कहा कि सोमवार को इसके आदेश पारित किए जाएंगे। इससे प्रदेश के 2.37 लाख अध्यापकों को फायदा होगा।
वहीं इससे कुछ दिनों पहले आजाद अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था, जहां के संबंध में कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री ने संघ की मांगे मान ली और इनके आदेश 31 जुलाई तक जारी हो जाएंगे।
सीएम से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में भरत पटेल प्रांताध्यक्ष, जावेद खान महासचिव, अजय बख्शी उपाध्यक्ष, रमेन्द्र राजावत संगठन मंत्री, संतोष सोनी मंडला जिलाध्यक्ष, देवेंद्र दीक्षित डिंडोरी जिलाध्यक्ष सुजीत व्यवहार,ज्योत सिंह धुर्वे आदि शामिल रहे।