कैशलेस सिस्टम के लिए चुनिंदा सर्विसेस में नकद भुगतान पर कैश हैंडलिंग चार्जेस की सिफारिश
भोपाल. नोटबंदी के बाद राज्य सरकार ने कैशलेस वर्किंग पर ठोस कदम उठाए हैं। सरकार की हाईपावर कमेटी ने सिफारिश की है कि कैशलेस सिस्टम के लिए चुनिंदा सर्विसेस में नकद भुगतान पर कैश हैंडलिंग चार्जेस लगें। शैक्षणिक संस्थाओं, दुकानों और बड़े कारोबार के लायसेंस में कैशलेस पेमेंट की अनिवार्यता की शर्त जोड़ी जाए। कमेटी ने रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को सौंप दी है।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले हफ्ते कैशलेस वर्किंग के लिए हाईपावर कमेटी बनाई थी। कमेटी ने सीएस कार्यालय को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें 47 सिफारिशें शामिल हैं। इसमें केंद्र सरकार के लिए 9, राज्य सरकार के लिए 22 और बैंकों के लिए 16 सिफारिश शामिल हैं। इसमें खास बात ये है कि केंद्र और राज्य सरकार के लिए हर सर्विस में कैशलेस सिस्टम को अपनाने की वकालत की गई है। वहीं एयर टिकट, पेट्रोल-डीजल, ऑटोमोबाइल, राज्य के टैक्स और सर्विस प्रोवाइडर में कैश हैंडलिंग चार्जेंस लगाने के लिए कहा गया है।
यानी यदि आप कार्ड या चेक के जरिए भुगतान करते हैं, तो कम राशि लगेगी, जबकि नकद भुगतान में अतिरिक्त शुल्क लगेगा। पीएसओ मशीनों का इस्तेमाल बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। कमेटी का मानना है कि अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा तो कैश भुगतान घटेगा। कमेटी ने कार्ड के जरिए और ऑनलाइन भुगतान पर लगने वाले अतिरिक्त टैक्स को समाप्त करने की सिफारिश भी की है, ताकि उपभोक्ता को फायदा हो और वो भुगतान का तरीका बदलें। बैंकों के लिए जनधन खातों को सौ प्रतिशत करने और हर खाते में आधार व मोबाइल नंबर को अनिवार्य करने की वकालत की गई है।