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फिर खतरे में आई राजधानी! नियमों को ताक पर रख फायदा उठाने में जुटे चंद लोग…

locationभोपालPublished: Apr 22, 2019 05:52:56 pm

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की उड़ रहीं धज्जियां with latest fire video….

fire

फिर खतरे में आई राजधानी! नियमों को ताक पर रख फायदा उठाने में जुटे चंद लोग…

भोपाल। गर्मी का मौसम शुरू होते ही मध्यप्रदेश की राजधनी भोपाल में एक बार फिर आगजनी की घटनाओं में बढ़ौतरी शुरू हो गई है। ऐसे में जहां एक ओर अमला शहर में तकरीबन हर रोज हो रही घटनाओं को लेकर व्यस्त है। वहीं शहर में कई जगह इन घटनाओं का लाभ उठाते हुए कुछ लोग पर्यावरण सुरक्षा को ताक पर रखते हुए नरवाई जला रहे हैं।

विभाग की व्यवस्तता को देखते हुए होशंगाबाद रोड क्षेत्र सहित कुछ अन्य क्षेत्रों में कुछ लोग शाम या रात के समय खेतों की नरवाई में आग लगाने का कार्य कर रहे हैं।

fire in bhopal

इसे लेकर मनाही होने के बावजूद जुर्माने से बचते हुए ये लोग शाम को खेतों में आग लगा दे रहे हैं, जो सुबह होने तक शांत हो जाती है, जिसके चलते किसी को इस संबंध में ज्यादा मालूम नहीं चलता। वहीं इन खेतों के आसपास बसी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को इसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण प्रदूषण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत धान व गेहूं की फसल कटाई के बाद बची फसल को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है।

इसके तहत पूर्व में राज्य के पर्यावरण विभाग ने अधिसूचना जारी कर आदेश भी जारी कर दिए थे। इस दौरान सभी कलेक्टर्स को भी यह आदेश भेज दिया गया था, जुर्माने की कार्रवाई सख्ती से करने के लिए कहा गया था। लेकिन इसके बावजूद शहर में नरवाई जलाए जाने की स्थिति बनी हुई है।

After fire

जुर्माने के नियम :
नरवाई जलाने पर अब दो एकडृ से कम कृषि भूमि वाले किसान को 2500 रुपए, दो एकड़ से ज्यादा व पांच एकड़ से कम कृषि भूमि वाले को पांच हजार और पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि वाले को पंद्रह हजार रुपए तक का जुर्माना लगाने का नियम है। यह जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में वसूला जाएगा।

कुल मिलाकर नरवाई जलाने पर पाबंदी के बावजूद लोग बेखौफ होकर इस आदेश की अव्हेलना कर रहे हैं। इसी के चलते कुछ समय पहले भी होशंगाबाद रोड स्थित जाटखेड़ी क्षेत्र में खेतों में आग लगा दी गई थी।

उस समय शुरू में हल्की लगी आग ने अचानक खतरनाक रूप ले लिया तो इस आग पर काबू पाने के लिए टैंकरों तक की मदद लेनी पड़ी थी।

जानकारी के अनुसार पिछली बार की ही तरह इस बार भी जाटखेड़ी क्षेत्र में लगाई गई इस आग से आसपास रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। रुचि लाइफस्केप सहित आसपास की कॉलोनियों में धुंआ भरने से यहां रहने वाले लोगों को परेशानी हुई।

ये हैं आदेश..
पूर्व में जो आदेश पारित हुए थे उनके अनुसार प्रदेश के खेतों में फसल काटने के बाद नवाई जलाने पर जुर्माना लगाया जाना निश्चित किया गया था। यह आदेश राज्य सरकार ने जारी किए थे। बावजूद इसके यदि नरवाई जलाई जाती है तो 15 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण प्रदूषण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत धान व गेहूं की फसल कटाई के बाद बची फसल को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। जिसके बाद राज्य के पर्यावरण विभाग ने पिछले दिनों इसकी अधिसूचना जारी करने के बाद आदेश भी जारी कर दिए थे।

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