अभी तक आयुष कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा का आयोजन मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड कराता रहा है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने फरवरी 2018 में ही नोटिफिकेशन जारी कर मेडिसिन से जुड़े सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश सीबीएसइ की नीट के जरिए करने के निर्देश दिए थे।
यह व्यवस्था इसी शिक्षा सत्र से लागू कर दी गई है। लिहाजा सत्र 2018-19 से प्रदेश के आयुर्वेद (बीएएमएस), होम्योपैथी (बीएचएमएस), यूनानी (बीयूएमएस) व नैचरोपैथी में प्रवेश नीट की पात्रता सूची से ही होंगे।
मान्यता का इंतजार –
शिक्षा सत्र आरंभ हो गया है और प्रदेश के आयुष कॉलेज मान्यता के नवीनीकरण के इंतजार में है। दरअसल, इन्हें इंडियन मेडिसिन व सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी से संबद्ध किया गया है। आयुष मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश नेशनल एलीजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट ( नीट) से ही होने हैं।
काउंसिल की निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर मान्यता और नवीनीकरण तय होती है। रिपोर्ट की देरी के चलते आयुष काउंसलिंग प्रक्रिया अटकी है। प्रदेश में भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, बुरहानपुर, रीवा, रतलाम, मंदसौर आयुर्वेद कॉलेज सहित 54 आयुष कॉलेज संचालित हैं, जहां पर प्रवेश होना है।
आयुष मंत्रालय को शीघ्र ही कॉलेजों की मान्यता पर निर्णय कर सूची जारी करना चाहिये । काउंसलिंग में देरी से सत्र लेट हो सकता है ।
डॉ राकेश पाण्डेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता आयुर्वेद मेडिकल एसोसिएशन