
जिसमें पॉम ऑयल के दो सैम्पल हैं। इनमें 0.45 प्रतिशत एसिड वैल्यू मिली, जबकि ये 1.2 होना चाहिए। आयोडीन वैल्यू 45 से 55 होना चाहिए ये 60.5 प्रतिशत मिली है। टीपीसी, टोटल पोलर कम्पाउंड 25 होना चाहिए ये भी अधिक मिला है। इन तत्वों के घटने-बढऩे का मिश्रण तेल को गाढ़ा कर उसमें न्यूट्रीशंस वैल्यू कम कर कोलेस्ट्रॅाल की मात्रा बढ़ा देता है। ऐसा तेल धमनियों में जम सकता है और शरीर में कई हिस्सों में मोटापा बढ़ाता है।
शहर में और बढ़ गए ठेले
कोरोना से पहले शहर में करीब डेढ़ हजार के आस-पास समौसे, कचौड़ी, छोले भटूरे, आलू बड़े, मंगोड़े व अन्य खाद्य पदार्थ बनाने वालों के ठेल, स्टॉल व बड़ी दुकानें थीं, लेकिन अब ये बढ़कर दो हजार के आस-पास हो गईं हैं। विभाग भी इनकी लगातार सैंम्पङ्क्षलग नहीं कर पा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस मामले में आखिरी कार्रवाई डेढ़ सप्ताह पहले एसबीआई बैंक चौराहे के पास दुकान पर की थी। जहां एक ही तेल में कई बार कचौडिय़ों को तला जा रहा था।
कोरोना से पहले शहर में करीब डेढ़ हजार के आस-पास समौसे, कचौड़ी, छोले भटूरे, आलू बड़े, मंगोड़े व अन्य खाद्य पदार्थ बनाने वालों के ठेल, स्टॉल व बड़ी दुकानें थीं, लेकिन अब ये बढ़कर दो हजार के आस-पास हो गईं हैं। विभाग भी इनकी लगातार सैंम्पङ्क्षलग नहीं कर पा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस मामले में आखिरी कार्रवाई डेढ़ सप्ताह पहले एसबीआई बैंक चौराहे के पास दुकान पर की थी। जहां एक ही तेल में कई बार कचौडिय़ों को तला जा रहा था।
ये बीमारी भी हो सकती हैं
डॉ. आदर्श वाजपेयी के अनुसार जले हुए तेल का उपयोग करने से अल्जाइमर, एसिडिटी, गॉल ब्लैडर का कैंसर, लिवर कैंसर और त्वचा संबंधी कई बीमारियां भी हो सकती हैं।
डॉ. आदर्श वाजपेयी के अनुसार जले हुए तेल का उपयोग करने से अल्जाइमर, एसिडिटी, गॉल ब्लैडर का कैंसर, लिवर कैंसर और त्वचा संबंधी कई बीमारियां भी हो सकती हैं।