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टीटी नगर स्टेडियम में चल रही एरोबिक्स क्लास ने बदली महिलाओं की जिंदगी.. पढ़ें पूरी खबर!

locationभोपालPublished: Apr 24, 2018 09:01:11 pm

Submitted by:

mukesh vishwakarma

कैंसर से लडऩे लिया एरोबिक्स का सहारा

aerobics

भोपाल। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में फिट होना बहुत जरूरी है, फिर चाहे बात महिलाओं की हो या पुरुष की। फिटनेस के लिए खेल विभाग की ओर शुरू की गई पहल अब रंग ला रही है। विभाग द्वारा टीटी नगर स्टेडियम में जितना खिलाडिय़ों की फिटनेस पर ध्यान दिया जाता है उतना ही सामान्य महिलाओं पर भी। इसका नतीजा यह कि यहां चलाई जा रही एरोबिक्स क्लास में महिलाओं को बीमारी से लडऩे का सहारा मिल रहा है।

यहां हाउस वाइफ, वर्किंग वुमन के अलावा वे महिलाएं भी आती हैं जिन्हे कोई बीमारी हो या किसी कारण से वे चलने-फिरने से परेशान हों। इस क्लास में एक ऐसी महिला भी हैं जो सिर्फ कैंसर से लडऩे के लिए एरोबिक्स की क्लास में आती हैं। इसका नतीजा यह है कि वे आज बिल्कुल आम महिलाओं की तरह फिट और तंदरुस्त हैं। कोलार में रहने वाली अनामिका दुबे एक निजी स्कूल में टीचर हैं जो ओसीडी कैंसर से ग्रसित हैं। वे पिछले दो सालों से यहां आ रही हैं।

वे कहती हैं कि पहले मैं बहुत परेशान थी। कुछ काम नहीं कर पाती थी। मेरा ब्लड सर्कुलेशन खराब हो गया था। हाथ-पैर नहीं चलते थे। फिर एक दिन मुझे डॉक्टर ने एरोबिक्स की सलाह दी, जिसके बाद मैंने यहां एरोबिक्स क्लास ज्वाइन कर ली। अब दो साल हो गए हैं, मैं अब पहले से ज्यादा फिट और तंदरुस्त हूं। घर के काम के अलावा स्कूल में भी बच्चों को पढ़ा पाती हूं।

ट्रेनिंग लेती हैं 85 महिलाएं

विभाग की यह एरोबिक्स क्लास सुबह और शाम ओपन रहती है। यह क्लास सुबह 7.15 से 8 बजे तक और शाम को 5.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक चलती है। इसमें कुल 85 महिलाएं ट्रेनिंग के लिए आती हैं।

खुश रहने का अहसास देता है एरोबिक्स

ट्रेनर कुमारी पंकज पागे ने बताया कि जब हम यह व्यायाम करते हैं तो शरीर में एंडोर्फिन नामक हार्मोन का स्राव होता है, जिससे हमें खुश रहने का अहसास मिलता है। इससे हमें तनाव कम होने का भी अहसास होता है। जब हम नियमित रूप से एरोबिक्स का अभ्यास करते हैं, तो इससे हमारी नींद, मनोदशा और इसके साथ हमारी जीवन शक्ति में भी बहुत सुधार आता है। मेरे पास ज्यादातर वही महिलाएं आती हैं जिन्हे कोई कमजोरी या बिमारी हो। इसके बाद वे अपने आप को फिट महसूस करती हैं।

माइग्रेन से मिली निजात

वहीं शुभांगी राव कहती हैं कि एरोबिक्स क्लास से पहले मुझे माइग्रेन की बहुत दिक्कत होती थी। घर के काम और फैमिली पर ध्यान नहीं दे पाती थी। यहां आने से मुझे राहत मिली हैं। मैं सभी महिलाओं का यही सलाह दूंगी कि अपनी व्यस्त लाइफ से थोड़ा समय अपने लिए भी निकाले जिससे आप फिट रह सकें।

नॉर्मल हो गया बीपी

अनीता पांडे कहती हैं कि मैं पिछले 10 सालों से एरोबिक्स करती आ रही हूं। मुझे लो बीपी की बीमारी थी, अब मुझे आराम है। वहीं सुरभि चावला ने बताया कि मुझे पहले पैरों और घुटनों में बहुत दर्द होता था। लेकिन एरोबिक्स से बहुत हद तक राहत मिली है।

फिटनेस है जरूरी

फिजिकल फिटनेस सभी के लिए जरूरी है। इसी को देखते हुए खेल विभाग की पहल पर खिलाडिय़ों और महिलाओं के लिए भी फिटनेस सेंटर खोले है। इसमें एक एरोबिक्स क्लास चलाई जा रही और लोगों को उसका फायदा मिल रहा है।
-उपेंद्र जैन, डायरेक्टर स्पोट्र्स डिपार्टमेंट

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