ऐसे में मध्यप्रदेश में ग्रामीण सड़कें बनाने के करीब 18 तरह के नए प्रयोग किए गए हैं। इनसे निर्माण लागत तो कम आई ही साथ ही इनमें टिकाऊपन भी देखने को मिला। वहीं सबसे ज्यादा सड़कें वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कर बनाई गई हैं। इससे सड़कों के निर्माण की लागत में दस फीसदी से अधिक की कमी आई है। देश में सबसे ज्यादा प्लास्टिक की सड़कें बनाई गई हैं, जिसके लिए मप्र को अवार्ड भी मिला है।
प्रदेश (MP) में 11 हजार किमी से ज्यादा सड़कें कई नवाचार से बनाई गई हैं। यह नवाचार रसायन और मटेरियल की उपलब्धता के साथ-साथ क्षेत्र की जीयोग्राफिकल वातावरण के आधार पर किए गए हैं। प्रत्येक नवाचार में पांच से दस फीसदी लागत राशि को कम किया गया है।
निर्माण के लिए फैक्ट्रियां अपना वेस्ट रासायनिक मटेरियल उपलब्ध कराती हैं, ताकि डामर, सीमेंट का उपयोग कम हो। घनी ग्रामीण बस्तियों में कई जगह पर पैनल्ड कांक्रीट की सड़कें बनाई गई हैं। जहां सड़कें खराब हो जाती हैं, वहां उतने पैनल को निकालकर दूसरा पैनल लगा दिया जाता है। रख-रखाव की लागत 70 फीसदी कम हो जाती है।
अंतरराष्ट्रीय सेमिनार: सड़कों के नवाचार को लेकर दिल्ली में सेमिनार भी होना है। इसमें सभी राज्य अपनी सड़कों के निर्माण में किए गए नए प्रयोगों के संबंध में इंजीनियरों को जानकारी आदान-प्रदान करेंगे। मप्र भी अपने 18 नवाचारों के संबंध में प्रेजेंटेशन देगा। मप्र ग्रामीण सड़क प्राधिकरण ने तैयारी शुरू कर दी है। बैठक संभवत: अगले माह होगी।
ये हुए बड़े नवाचार
: शहरों से निकलने वाली पॉलीथिन को डामर की जगह पर उपयोग कर सड़कें बनाई गईं।
: दलदली जमीन और पानी जमा होने वाले क्षेत्रों में सड़कों की सतह पर पन्नी बिछाई गई, इससे सड़कों में धसाव की शिकायतें नहीं आईं।
: जहां जमीन पर दरार की शिकायतें आती थीं, वहां सड़क बनाने के बाद बीच-बीच में सड़कें काट दी गईं। इससे दरारें नहीं आईं।
: पत्थरीले क्षेत्रों में बोल्डर आपस में जमाकर सड़कें बनाई गईं। इससे सड़कों की लागत कम आई।
: नैनो टैक्नालॉजी से सड़क निर्माण में उद्योगों से निकलने वाले बेकार रसायनों का उपयोग कर सीमेंट और डामर में मिलाकर सड़कें बनाई गईं। निर्माण लागत में 50 फीसदी तक कमी आई।
: गांवों के बीचों-बीच निकलने वाली सड़कों को पैनल कांक्रीट से बनाया गया। इससे रख-रखाव की लागत काफी कम हो जाती है।
: जिंकोसील टेक्नोलाजी से डामर की मात्रा को 5 फीसदी तक कम कर रसायन मिलाया जाता है, जिससे लागत कम हो जाता है।