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किरकिरी होने के बाद वन मंत्री सिंघार ने दी सफाई, बोले टायपिंग मिस्टेट थी नोटशीट में

locationभोपालPublished: Oct 16, 2019 08:17:15 am

शिवराज सरकार का पौध रोपण घोटाला बताया, लेकिन नोटशीट में जिक्र वर्तमान वर्ष का

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भोपाल/ शिवराज सरकार में नर्मदा किनारे हुए पौधरोपण घोटाला की जांच के लिए वन मंत्री उमंग सिंघार ने लिखी नोटशीट पर हुई किरकिरी के बाद सफाई दी है। उन्होंने कहा कि टायपिंग मिस्टेक के कारण नोटशीट में वर्ष 2019 का उल्लेख हो गया। जबकि यह घोटाला शिवराज सरकार के समय है। टायपिंग मिस्टेक को सुधारा लिया गया है। घोटाला करने वालों को सजा जरूर मिलेगी। इस संबंध में उन्होंने ट्वीट भी किया।
वन मंत्री सिंघार ने तीन दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि शिवराज सरकार में 2 जुलाई 2017 को नर्मदा किनारे हुए सात करोड़ पौधरोपण की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी जा रही है। प्रारंभिक जांच में 450 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का पाई गई है। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, तत्कालीन वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया। साथ ही कुछ लोगों को लाभ पहुंचाया। वन मंत्री ने विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव को नोटशीट लिखकर कहा कि वे इन आईएफएस अधिकारियों को आरोप पत्र जारी करें।
मंत्री बोले मैं लक्ष्य से भटकता नहीं –

वन मंत्री उमंग सिंघार ने मंगलवार को एक के बाद एक लगातार दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने कहा कि टायपिंग भूल सुधारी जा सकती है। इसे दुरुस्त कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि वे लक्ष्य से भटकते नहीं है। प्रदेश की जनता की मेहनत की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग नहीं होने दूंगा। मां नर्मदा किनारे 7 करोड़ पौधों का रोपण प्रदेश का बड़ा सुनियोजित आर्थिक घोटाला है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार में 450 करोड़ का पौध रोपण घोटाला जानबूझकर किया गया है।
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