वन मंत्री सिंघार ने तीन दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि शिवराज सरकार में 2 जुलाई 2017 को नर्मदा किनारे हुए सात करोड़ पौधरोपण की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी जा रही है। प्रारंभिक जांच में 450 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का पाई गई है। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, तत्कालीन वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया। साथ ही कुछ लोगों को लाभ पहुंचाया। वन मंत्री ने विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव को नोटशीट लिखकर कहा कि वे इन आईएफएस अधिकारियों को आरोप पत्र जारी करें।
मंत्री बोले मैं लक्ष्य से भटकता नहीं – वन मंत्री उमंग सिंघार ने मंगलवार को एक के बाद एक लगातार दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने कहा कि टायपिंग भूल सुधारी जा सकती है। इसे दुरुस्त कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि वे लक्ष्य से भटकते नहीं है। प्रदेश की जनता की मेहनत की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग नहीं होने दूंगा। मां नर्मदा किनारे 7 करोड़ पौधों का रोपण प्रदेश का बड़ा सुनियोजित आर्थिक घोटाला है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार में 450 करोड़ का पौध रोपण घोटाला जानबूझकर किया गया है।