scriptफिर पुराने खेलों की ओर नौनिहाल, मैदानों की ओर लौटाने की पहल | Again, towards the old sports, returning to the plains | Patrika News

फिर पुराने खेलों की ओर नौनिहाल, मैदानों की ओर लौटाने की पहल

locationभोपालPublished: Mar 14, 2019 09:08:00 am

– मोबाइल गेम्स और कम्प्यूटर की बजाय इनडोर और आउटडोर खेल

गेम्स

कम्प्यूटर गेम्स के युग में बच्चों के लिए घर से बाहर निकलकर पड़ोसी बच्चों के साथ खेलना बहुत जरूरी हो गया है।

भोपाल। मोबाइल गेम्स और कम्प्यूटर की बजाय इनडोर और आउटडोर खेलगुल्ली डंडा हो या शतरंज या फिर वह पुराने खेल जो शायद कई बच्चों को पता भी नहीं होंगे। मैदान में संगी साथियों के साथ जो खेल कभी आम हुआ करते थे वे विलुप्त होते जा रहे हैं। इन्हें बचाने के साथ बच्चों की फिजिकल फिटनेस को ध्यान में रख इन खेलों से बच्चों को वाकिफ कराने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए शहर में एक कैम्प का आयोजन किया गया है। खास बात ये हैं कि यहां केवल पुराने खेल ही सिखाए जा रहे हैं।

मोबाइल और कम्प्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल के कारण कई बच्चे एकांकी हो गए। हालात ये हैं कि दोस्तों के साथ मां बाप से भी उनका लगाव कम हो रहा है। जहांगीराबाद में मोबाइल की इस लत को कम करने छोटे-छोटे पुराने खेल बच्चों को सिखाए जा रहे हैं। इसे शुरू करने वाली अलवीरा नाजिया खान ने बताया कि कई निजी स्कूलों में छोटे बच्चों की छुट्टियां चल रही है। ऐसे में खाली समय के दौरान उन्हें जोड़ इन खेलों को सिखाया जा रहा है। वर्तमान में करीब 30 बच्चे आ रहे हैं। ये एक शुरुआत है। इसमें कई और लोगों को जोडऩे के प्रयास हैं। ताकि इस तरह की एक्टिविटी दूसरी जगह भी शुरू की जा सकें।
ऐसे की शुरुआत

समाज सेवा के कार्यों से जुड़ी नाजिया ने बताया कि हाल में ऐसे कुछ मामले सामने जिस कारण इसे शुरू किया गया। यहां के एक निजी स्कूल में कक्षा दो में पढऩे वाले एक छात्र को मोबाइल गेम्स की इतनी लत हो गई कि खाने पीने में भी लापरवाही बरतने के साथ घर के बाहर जाने में भी डरने लगा। ऐसे कई और मामले आए जहां बच्चों की पढ़ाई के साथ आंखों की रोशनी भी कम हो गई। इसी को देख बच्चों को जोड़ ये नई शुरुआत की गई।
एकांकी हो रहे बच्चे

मामले में काउंसलर शबनम खान के मुताबिक मोबाइल गेम्स के कारण बच्चों को अकेले रहने की आदत हो रही है। जबकि पहले सभी बच्चे मिलकर खेलते थे। इससे पर्सनालिटी डवलपमेंट के साथ शेयरिंग की सीख भी बच्चों में आती थी। बच्चों के विकास के लिए ये बहुत जरूरी है। मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत के मुताबिक आउटडोर गेम्स से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास होता है। कम्प्यूटर और मोबाइल गेम्स की लत के कारण इस पर असर पड़ रहा है। इससे निजात दिलाना जरूरी है।
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