scriptइस मंदिर में अग्नि देव ने दिए थे साक्षात दर्शन, बड़ी दिलचस्प है यह कहानी | agani dev gives real darsan in this temple Know the surprising story | Patrika News
भोपाल

इस मंदिर में अग्नि देव ने दिए थे साक्षात दर्शन, बड़ी दिलचस्प है यह कहानी

मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित इस मंदिर का इतिहास महज 270 साल पुराना है। इसमें ढाई सौ साल से लगातार अग्नि जल रही है। इसी अग्नि को साक्षात् देवता के रूप में पूजा जाता है। यहां सुबह भगवान की रसोई जलानी हो या यज्ञ में अग्नि का प्रवेश कराना हो, इस धूनी से अग्नि प्रज्वलित की जाती है।

भोपालFeb 12, 2024 / 12:38 pm

Puja Roy

1665501948320508-0_1.jpg
सागर के लाखा बंजारा झील के किनारे करीब 270 साल पुराना वृन्दावन बाग मठ मंदिर है। इसी मंदिर में ढाई सौ वर्षों से एक धूनी जल रही है। पहली बार इस धुनी को गूदड़जी महाराज ने प्रज्वलित किया था। उस समय से आज तक इस पवित्र स्थान पर यह अग्नि जल रही है। इसी धुनी से अग्नि लेकर ही अन्य स्थानों पर अग्नि जलाई जाती है।
चमत्कारी धूनी
यहां के पुजारी बताते हैं कि पहले जब आग जलाने का कोई साधन नही था तो बार-बार आग जलाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था। प्राचीन काल में साधु-संत भगवान की आराधना में इतने लीन हो जाते थे कि वे ऐसे कार्यों में अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहते थे। एक दिन एक गूदड़ जी महाराज ने आग जलाई तब बरसात का मौसम था। तब महाराजजी ने लगातार हो रही बारिश के बावजूद अग्नि को बुझने नहीं दिया। महाराजजी के पूरे जीवनकाल यह अग्नि जलती रही, उनके निधन के बाद इसे आगे भी प्रज्वलित रका। तब से लेकर आज तक यह आज भी यहां एक कुएं में धधक रही है। यहां तक कि इसमें अंगारे नजर आते हैं।
राम दरबार है यहां
इसी मठ में राम दरबार मंदिर भी है, जो 1748 में इस मठ के पहले महंत गूदड़जी महाराज ने ही बनवाया था। मठ में चार दरबार हैं। पहले दरबार में यहां भगवान राम अपने तीन भाइयों लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ विराजमान हैं। चारों भाइयों के साथ उनकी रानी भी विराजी हैं। उत्तर और दक्षिण में रामभक्त हनुमानजी विराजमान हैं। दूसरे दरबार में भगवान जगन्नाथ स्वामी, तीसरे दरबार में भगवान कृष्ण और चौथे दरबार में भगवान पंडरीनाथ विराजमान थे। यहां गज परंपरा 112 वर्षों से चली आ रही है। यही कारण है कि इसके लिए चार पीढ़ियों से इस मंदिर में हाथी है। इस मंदिर में कोई भी धार्मिक पुजा होने से पहले हथनी की पूजा की जाती है। हथनी को लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है, इसलिए उसका नाम भी लक्ष्मी है।
मंदिर की लोकेशन

अगर आप भोपाल से सागर के लिए बस लेते है । बस 4 घंटे 25 मिनट का समय लगेगा । मंदिर सागर शहर के मुख्य बस स्टैंड के पास है ।

Hindi News/ Bhopal / इस मंदिर में अग्नि देव ने दिए थे साक्षात दर्शन, बड़ी दिलचस्प है यह कहानी

ट्रेंडिंग वीडियो