एक हड़ताल ऐसी भी- काम बंद करने की बजाय करेंगे एक घंटे ज्यादा काम
एम्स में आंदोलन का अनोखा तरीका, प्रमोशन के साथ अन्य मांगों को लेकर डॉक्टर कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन, पहली बार विरोध के लिए ज्यादा काम को बनाया हथियार
भोपाल
Published: April 19, 2022 10:57:41 pm
भोपाल. अपनी मांगों को लेकर काम बंद हड़ताल करना विराेध का आम तरीका है, लेकिन एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने विरोध का अलग तरीका अपनाया है। एम्स के डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल नहीं बल्कि ज्यादा काम करके अपना विरोध दर्ज कराएंगे। वे प्रबंधन की नीतियों के विरोध के लिए ओपीडी में तय समय से ज्यादा काम करेंगे।
दरअसल, राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में फैकल्टी सालों से अटके प्रमोशन के साथ अन्य मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार को भी सभी फैकल्टी ने परिसर में ही पैदल मार्च निकाल कर एम्स प्रबंधन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। एम्स के फैकल्टी एसोसिएशन का कहना है कि 2016 में जिन चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति हुई उनकी परिवीक्षा अवधि आज तक खत्म नहीं हुई है। इससे उन्हें कई तरह के नुकसान हैं। इसके अलावा उनकी अन्य मांगें भी हैं। इनके लिए वह आंदोलन कर रहे हैं। फैकल्टी एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. राघवेंद्र बिदुआ ने बताया कि प्रेसिडेंट और डायरेक्टर द्वारा निर्देश देने के बावजूद सैलरी इंक्रीमेंट, प्रोबेशन का कंफर्मेशन न होने और अन्य संबंधित मुद्दों के कारण फैकल्टी मेंबर्स में नाराजगी है। वहीं कोरोना के दौरान अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना मेहनत करने के बावजूद 4-5 साल से उनका प्रमोशन भी अटका हुआ है। उन्होंने बताया कि मांगें जल्दी नहीं मानी गई तो हम गांधीवादी तरीके से चरण बद्ध आंदोलन करेंगे। वे ओपीडी में ज्यादा देर काम कर विरोध दर्ज कराएंगे। इसके साथ प्रतिदिन ज्यादा काम भी करते रहेंगे। इसका लाभ मरीजों को भी मिलेगा। उन्हें ज्यादा देर तक इलाज मिल सकेगा।

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