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पीएम 2.5 का स्तर सामान्य से दोगुना, कोलार और लालघाटी में पीएम 10 का स्तर 400 पार

locationभोपालPublished: Feb 25, 2020 01:57:06 am

Submitted by:

Sumeet Pandey

पर्यावरणविद सुभाष पांडेय ने की रेंडम एयर क्वालिटी की जांच, दोगुनी जहरीली निकली शहर की हवा

पीएम 2.5 का स्तर सामान्य से दोगुना, कोलार और लालघाटी में पीएम 10 का स्तर 400 पार

पीएम 2.5 का स्तर सामान्य से दोगुना, कोलार और लालघाटी में पीएम 10 का स्तर 400 पार

भोपाल. शहर भले ही सबसे स्वच्छ राजधानी का तमगा लिए हुए हो, लेकिन यहां की हवा सांस लेने लायक नहीं है। शहर की हवा में बारीक वायु प्रदूषण कण पीएम 2.5 का औसत स्तर दोगुना है वहीं पीएम 10 भी सेंट्रल पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के तय मानक से अधिक है। यह खुलासा पर्यावरणविद सुभाष सी पांडेय की ओर से की गई जांच में हुआ है। जनता की लैब के संचालक पांडेय ने शहर के 13 संवेदनशील स्थानों से रेंडम एयर क्वालिटी एनालिसिस तकनीक के तहत वायु की गुणवत्ता मापी। टीटी नगर स्थित रियल टाइम डिस्प्ले बोर्ड पर तत्काल के प्रदूषण की स्थिति दर्शाने के बजाए पिछले 24 घण्टों का औसत वायु प्रदूषण दर्शाया जा रहा था। यहां पर सैम्पल सांस लेने के सामान्य ऊंचाई पर लगाने के बजाए 25 फीट ऊपर छत पर लगाया गया था, जहां से प्रदूषण के सही आंकड़े मिलना मुश्किल है।
सबसे अधिक प्रदूषण लालघाटी पर
शहर में सर्वाधिक प्रदूषण लाल घाटी चौराहे और कोलार क्षेत्र में देखने को मिला। यहां पर पीएम 2.5 का मान 265 और पीएम 10 कणों का मान 464 मिला। जो कि निर्धारित अधिकतम मात्रा से चार गुना से भी अधिक है।
पीएंडटी चौराहा अपेक्षाकृत स्वच्छ
पीएंडटी चौराहे पर पीएम 2.5 का स्तर 62 तो 10 का स्तर 38 पाया गया। पर्यावरणविद् ने निरीक्षण में पाया कि यह चौराहा चौड़ा है और यहां चारों ओर पीपल और नीम के कई पेड़ है जिसके चलते प्रदूषण कम है।
2.5 का औसत ही दोगुने से अधिक
कुल 13 सैम्पलिग स्टेशन में लिए गए पीएम 2.5 घातक धूलकणों का औसत 138 प्राप्त हुआ जो कि अधिकतम निर्धारित मात्रा 60 के दो गुने से अधिक है। इसी प्रकार पीएम 10 घातक धूलकणों का रेंडम औसत मान 246 आया जोकि अधिकतम मात्रा 100 से 2.5 गुना है। इस स्तर के प्रदूषण में लगातार सांस लेने से पीएम 10 के साथ बेहद बारीक 2.5 के कण शरीर में जाते हैं, यह कण सीधे खून में मिल जाते हैं जो श्वास रोग के सीधे कारण और कैंसर के जनक होते हैं।
मास्क के बिना चलना खतरनाक
पांडेय ने बताया कि, शहर में वायु प्रदूषण की इस चिंताजनक स्थिति का मुख्य कारण वाहन प्रदूषण सडक, किनारे धूल, शहर मे कचरे को जलाना और दुकानों में कोयला से खाना बनाना और अन्य ईधनों का जलाना है। सभी संवेदनशील स्थानों पर चलने वाले पैदल एवं दो पहिया वाहनो के चालको को मास्क का उपयोग करना चाहिए एवं जिन ज्यादा प्रदूषण वाले रास्तों पर जाने से बचना चाहिए।

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