सबसे अधिक प्रदूषण लालघाटी पर
शहर में सर्वाधिक प्रदूषण लाल घाटी चौराहे और कोलार क्षेत्र में देखने को मिला। यहां पर पीएम 2.5 का मान 265 और पीएम 10 कणों का मान 464 मिला। जो कि निर्धारित अधिकतम मात्रा से चार गुना से भी अधिक है।
शहर में सर्वाधिक प्रदूषण लाल घाटी चौराहे और कोलार क्षेत्र में देखने को मिला। यहां पर पीएम 2.5 का मान 265 और पीएम 10 कणों का मान 464 मिला। जो कि निर्धारित अधिकतम मात्रा से चार गुना से भी अधिक है।
पीएंडटी चौराहा अपेक्षाकृत स्वच्छ
पीएंडटी चौराहे पर पीएम 2.5 का स्तर 62 तो 10 का स्तर 38 पाया गया। पर्यावरणविद् ने निरीक्षण में पाया कि यह चौराहा चौड़ा है और यहां चारों ओर पीपल और नीम के कई पेड़ है जिसके चलते प्रदूषण कम है।
पीएंडटी चौराहे पर पीएम 2.5 का स्तर 62 तो 10 का स्तर 38 पाया गया। पर्यावरणविद् ने निरीक्षण में पाया कि यह चौराहा चौड़ा है और यहां चारों ओर पीपल और नीम के कई पेड़ है जिसके चलते प्रदूषण कम है।
2.5 का औसत ही दोगुने से अधिक
कुल 13 सैम्पलिग स्टेशन में लिए गए पीएम 2.5 घातक धूलकणों का औसत 138 प्राप्त हुआ जो कि अधिकतम निर्धारित मात्रा 60 के दो गुने से अधिक है। इसी प्रकार पीएम 10 घातक धूलकणों का रेंडम औसत मान 246 आया जोकि अधिकतम मात्रा 100 से 2.5 गुना है। इस स्तर के प्रदूषण में लगातार सांस लेने से पीएम 10 के साथ बेहद बारीक 2.5 के कण शरीर में जाते हैं, यह कण सीधे खून में मिल जाते हैं जो श्वास रोग के सीधे कारण और कैंसर के जनक होते हैं।
कुल 13 सैम्पलिग स्टेशन में लिए गए पीएम 2.5 घातक धूलकणों का औसत 138 प्राप्त हुआ जो कि अधिकतम निर्धारित मात्रा 60 के दो गुने से अधिक है। इसी प्रकार पीएम 10 घातक धूलकणों का रेंडम औसत मान 246 आया जोकि अधिकतम मात्रा 100 से 2.5 गुना है। इस स्तर के प्रदूषण में लगातार सांस लेने से पीएम 10 के साथ बेहद बारीक 2.5 के कण शरीर में जाते हैं, यह कण सीधे खून में मिल जाते हैं जो श्वास रोग के सीधे कारण और कैंसर के जनक होते हैं।
मास्क के बिना चलना खतरनाक
पांडेय ने बताया कि, शहर में वायु प्रदूषण की इस चिंताजनक स्थिति का मुख्य कारण वाहन प्रदूषण सडक, किनारे धूल, शहर मे कचरे को जलाना और दुकानों में कोयला से खाना बनाना और अन्य ईधनों का जलाना है। सभी संवेदनशील स्थानों पर चलने वाले पैदल एवं दो पहिया वाहनो के चालको को मास्क का उपयोग करना चाहिए एवं जिन ज्यादा प्रदूषण वाले रास्तों पर जाने से बचना चाहिए।
पांडेय ने बताया कि, शहर में वायु प्रदूषण की इस चिंताजनक स्थिति का मुख्य कारण वाहन प्रदूषण सडक, किनारे धूल, शहर मे कचरे को जलाना और दुकानों में कोयला से खाना बनाना और अन्य ईधनों का जलाना है। सभी संवेदनशील स्थानों पर चलने वाले पैदल एवं दो पहिया वाहनो के चालको को मास्क का उपयोग करना चाहिए एवं जिन ज्यादा प्रदूषण वाले रास्तों पर जाने से बचना चाहिए।