भोपाल में जिस तेजी से विकास हो रहा है उसे देखते हुए वन विभाग वन क्षेत्र को बढ़ाने के साथ 0 से 1 फीसदी डेंसिटी वाले वन क्षेत्रों को बढ़ाने का काम करना होगा। ये एक तरह का सघन वृक्षारोपण होता है इसमें दोपहर बारह बजे के समय कैनोपी से परीक्षण करने के दौरान डेंसिटी 0 से 1 प्रतिशत तक रहती है। डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि ये डेंसिटी जितनी कम होती जाती है, वन का घना होना और बढ़ता जाता है। भोपाल में अभी भी .6 घनत्व तक के जंगल कुछ हिस्सों में बचे हैं। जिनको विभाग सुरक्षित बना रहा है।
शहर में वाहनों के साथ औद्योगिक प्रदूषण, निर्माण प्रदूषण व अन्य प्रकार के प्रदूषण हैं। जानकारों की मानें तो शहर से सटे क्षेत्रों में बचा ये 22 फीसदी जंगल असली कार्बन सिंक का काम कर रहा है। इसे विभाग तो बचा रहा है, आम लोगों को भी को इसे बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। साथ ही शहर में भी हरियाली बढ़ानी होगी।