दीपावली की रात में दिल्ली की तरह पूरे भोपाल शहर में धुआं छा गया। इससे दृश्यता काफी कम हो गई थी। साथ ही कई लोगों ने आंखों में जलन की शिकायत की।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 से 10 बजे का ही वक्त पटाखे और आतिशबाजी के लिए दिया था। इसके बावजूद नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कई लोग रात 10 बजे बाद भी पटाखें फोड़ते रहे। आलम यह रहा कि रातभर पूरा शहर धुएं की चपेट में आ गया।
पुलिस की गश्त रही बेअसर
रात को जैसी ही 10 बजे पुलिस के वाहन हूटर बजाते हुए शहर की गलियों में घूमने लगे। इसके बाद नजारा ये था कि जैसे ही पुलिस का वाहन पहुंचता लोग पटाखें फोड़ना बंद कर देते थे, वाहन निकल जाने के बाद दोबारा से शुरू कर देते थे। इस बीच पुलिस के साथ लुका-छुपी का खेल काफी देर तक चलता रहा।
प्रतिबंधित पटाखें भी बिके
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अलावा शहर के बाजारों की स्थिति कुछ ऐसी थी कि कई प्रतिबंधित पटाखें भी जमकर बिके। सौ लड़ियों से ऊपर के पटाखों को इस बार नहीं बेचा जाना था, लेकिन शहर के हलालपुरा और होशंगाबाद रोड स्थित दुकानों पर पांच सौ और एकहजार की लड़ियों वाले पटाखें जमकर बिके। इसके अलावा बरसों से आ रहे बड़े सुतली बम भी जमकर बेचे गए। आलम यह रहा कि प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहा।
दीपावली की रात भोपाल हवा की गुणवत्ता काफी खराब रही। राजधानी के ज्यादातर इलाकों में धुंध (स्मॉग) की सफेद चादर नजर आ रही थी। रात में पटाखों के प्रदूषण इतना रहा कि सुबह तक हल्की धुंध नजर आ रही थी। हालांकि धीरे-धीरे इसका स्तर कम होते गया। गुरुवार सुबह इसका असर कम हो गया।
क्या कहते हैं लोग
गोविंदपुरा के रहने वाले सतीश शर्मा के मुताबिक रात 8 से 10 बजे के बीच पटाखें फोड़ना था, लेकिन लोगों ने रात दस बजे बाद भी जमकर पटाखें फोड़े। इसके बाद जब हम लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए शहर की सड़कों पर निकले तो पूरे शहर में धुआं ही धुआं था। आंखों में जलन होने लगी तो कार के कांच बंद करके वाहन चलाना पड़ा। यही स्थिति होशंगाबाद रोड क्षेत्र में भी देखने को मिली। दीपावली की रात भर इस क्षेत्र में धुएं की मोटी परत जमी हुई थी। आंखों में जलन हो रही थी।
भोपाल के हमीदिया रोड क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 167.84 एक्यूआई
अरेरा कालोनी में 123.72 एक्यूआई
गोविंदपुरा में 162.72 एक्यूआई