कलेक्टर इस संबंध में बीमा कंपनियों को पत्र लिखेंगे। दरअसल इसके आदेश तो काफी पहले परिवहन मंत्रालय और इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जारी किए हैं, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा। कलेक्टर ने आरटीओ के साथ, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को संयुक्त कैम्प लगाकर वाहनों की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
नरवई जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए अब हार्वेस्टरों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। कलेक्टर ने अफसरों को निर्देशित किया है कि ऐसे हार्वेस्टरों को अनुमति नहीं दी जाए, जिनमें रीपर न लगा हो। हार्वेस्टर से फसल की कटाई के बाद खेतों में बचने वाले अवशेष को भूसे के रूप में परिवर्तित करने के लिए इसमें रीपर लगाना अनिवार्य किया गया है।
15 तक पीयूसी सेंटर नहीं हुए शुरू तो, पेट्रोल पंप होंगे सील
कलेक्टर ने जिला आपूर्ति नियंत्रक को निर्देश दिए हैं कि जिन पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सेंटर नहीं हैं, उन पंपों पर 15 दिसंबर तक पीयूसी खुलवाए जाएं। अगर कोई इस निर्देश का पान नहीं करे तो ऐसे पेट्रोल पंपों का लाइसेंस निरस्त कर सील दिया जाए। इसके अलावा अलाव में टायर, प्लास्टिक, डामर और पराली जलाने परी पूरी तरह से रोक लगाई गई है। निर्माण सामग्री भी सड़क किनारे नहीं रखी जाए। ईकोफ्रेंडली शादी के लिए लोगों को प्रेरित करना
कलेक्टर ने मैरिज गार्डन संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे उनके यहां होने वाली शादियों में ईकोफ्रेंडली का संदेश देने के लिए लोगों को शादी के कार्ड में ऐसे कागज लगवाने के लिए कहें जो घुल जाता है। उसमें बीज भी डाले जा सकते हैं। जिससे गमले में उन्हें गलाया जा सके। शादियों में प्लास्टिक वेस्ट न निकले इसके लिए भी लोगों को मिट्टी के कुल्हड़ व स्टील के ग्लास का उपयोग करने की सलाह दें।