मप्र के सभी हवाई अड्डे घाटे में, एक साल में भोपाल से सबसे अधिक 55.61 करोड़ का घाटा
भोपालPublished: Feb 09, 2023 07:33:47 pm
-हवाई अड्डों के रखरखाव में अधिक खर्च और आय कम होने से बने हालात
-तीन साल से लगातार घाटे में चल रहे मप्र के पांचों प्रमुख हवाई अड्डे


मप्र के सभी हवाई अड्डे घाटे में, एक साल में भोपाल से सबसे अधिक 55.61 करोड़ का घाटा
मनीष कुशवाह
भोपाल. प्रदेश के अलग-अलग शहरों से देशभर में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के दावों के बीच मप्र का एक भी हवाई अड्डा घाटे से नहीं उबर पाया है। तीन साल से मप्र के पांचों प्रमुख हवाई अड्डे घाटे में हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021-22 में भोपाल का राजाभोज हवाई अड्डा सबसे अधिक 55.61 करोड़ के घाटे में रहा। दूसरे नंबर पर इंदौर का देवी अहिल्या बाई होलकर हवाई अड्डा है, यहां एक साल में 40.24 करोड़ का घाटा हुआ। यहां बता दें, तीन साल में इंदौर के हवाई अड्डे से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को वर्ष 2019-20 में 4.47 करोड़ की आय हुई थी, पर इसके बाद घाटे का आंकड़ा बढ़ता चला गया। एएआइ के मुताबिक हवाई अड्डों की देखरेख में लगातार बढ़ रही लागत और इसकी तुलना में हवाई यात्रियों की संख्या और उड़ानों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होने से घाटा साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है। साथ ही कोविड-19 भी घाटे के बढऩे की मुख्य वजह रहा। हालांकि घाटे को कम करने के लिए एयरपोर्ट के वाणिज्यिक स्पेस का अधिक से अधिक उपयोग करने के साथ ही खर्चों में कमी करने की बात कही जा रही है। बिजली खर्च को कम करने के लिए सोलर पैनल के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है। साथ ही हवाई अड्डा प्रभार को भी बढ़ाया गया है।
124 हवाई अड्डों में से कोलकाता ने कमाए 145 करोड़
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के स्वामित्व वाले 124 हवाई अड्डों में से सिर्फ 11 हवाई अड्डे ऐसे हैं जो फायदे में रहे। इनमें से कोलकाता हवाई अड्डे ने सबसे अधिक 145 करोड़ रुपए की कमाई की तो पुणे हवाई अड्डे से 39.13 करोड़ का लाभ हुआ। हालांकि वर्ष 2019-20 में कोलकाता हवाई अड्डे से 545 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था।