इन चर्चाओं को इसलिए बल मिला क्योंकि उनकी एक माह में नरोत्तम से दूसरी बार मुलाकात है। इन चर्चाओं को अजय सिंह ने यह कहकर विराम दे दिया कि वे कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी ही रहेंगे। उनका किसी और पार्टी में जाने का कोई इरादा नहीं है। इसके पहले भी मुलाकात पर उन्होंने सफाई दी थी कि वे क्षेत्रीय कार्य के सिलसिले में गृह मंत्री से मिले थे।
मालूम हो कि वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद से अजय सिंह अपनी ही पार्टी में हाशिए पर चल रहे हैं। फिलहाल पार्टी ने उन्हें कोई खास जिम्मेदारी भी नहीं दी है। हालांकि वे उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं, सभाएं भी ले रहे हैं। लेकिन पार्टी में लम्बे समय हाशिए पर होने के कारण इनकी नाराजगी की बात लगातार कही जा रही है। इससे पहले अजय सिंह भी सार्वजनिक रूप से अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की कार्यप्रणाली को लेकर भी बयानबाजी कर चुके हैं।