scriptकेनाइन डिस्टेंपर से राजस्थान में बाघों की मौत के बाद प्रदेश में अलर्ट | Alert in mp state after death of tigers in Rajasthan due to Canine | Patrika News

केनाइन डिस्टेंपर से राजस्थान में बाघों की मौत के बाद प्रदेश में अलर्ट

locationभोपालPublished: Sep 28, 2019 08:17:52 am

Submitted by:

Ashok gautam

कुत्ते और मवेशियों को संरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश से रोकने का करें प्रयास

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भोपाल। पड़ोसी राज्य राजस्थान में आठ दिन के अंदर केनाइन डिस्टेंपर वायरस से तीन बाघों की मौत के बाद प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस राज्य से लगे हुए नेशनल पार्कों, सेंचुरी और संरक्षित क्षेत्रों में विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

वन अमले को कहा गया है कि इन वन क्षेत्रों में मवेशियों और कुत्तों का प्रवेश रोकने के मामले में भी वे सक्रिय रहें। पिछले साल इसी वायरस की चपेट में आकर गुजरात के गिर अभयारण्य में 23 बब्बर शेरों की मौत हुई थी।
देशभर में बाघों पर एक बार फिर वायरस का संकट मंडराने लगा है। महामारी के रूप में पहचाने जाने वाले केनाइन डिस्टेंपर वायरस का इस बार राजस्थान के बायोलॉजिकल पार्क के बाघों पर हमला हुआ है। पड़ोसी राज्य में बीमारी की दस्तक से मध्य प्रदेश के वन अफसर भी चिंतित हैं।

आनन-फानन में प्रदेशभर में अलर्ट जारी किया गया है। चिंता की बड़ी वजह प्रदेश को हाल ही में मिला टाइगर स्टेट का दर्जा भी है। दरअसल, दो माह पहले ही मध्य प्रदेश में देश में सबसे ज्यादा बाघ गिने गए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने टाइगर-डे कार्यक्रम में प्रदेश को खोई हुई प्रतिष्ठा मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए भविष्य की चिंता भी बता दी थी।

उन्होंने कहा था कि अब बाघों की सुरक्षा हमारे लिए चुनौती है। यही कारण है कि प्रदेश के वन अफसर चिंतित दिखाई दे रहे हैं। हालांकि वाइल्ड लाइफ अधिकारियों ने दावा किया है कि संरक्षित क्षेत्रों के बाघों को एंटी वायरस इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं, फिर भी सतर्कता जरूरी है।


कुत्तों से फैलती है बीमारी

केनाइन डिस्टेंपर वायरस कुत्तों के संपर्क में आने से फैलता है। बाघ एक बार में अपना पूरा शिकार नहीं खाते हैं। ऐसे में ***** कुछ मांस खाते हैं और जब दूसरी बार बाघ इसे खाते हैं, तो यह वायरस बाघों में पहुंच जाता है। इस वायरस से बाघों और अन्य वन्य प्राणियों के श्वसन तंत्र, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और आंखों में गंभीर संक्रमण होता है। जिससे इन वन्यप्राणियों की मौत हो जाती है। यह वायरस भेडिय़े, लोमड़ी, रेकून, लाल पांडा, फेरेट, हाइना सहित अन्य मांसाहारी जानवरों को भी प्रभावित करता है।

केनाइन डिस्टेंपर वायरस के संबंध में सभी नेशनल पार्कों, सेंचुरी और संरक्षित क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। वन अफसरों को एहतियात बरतने के लिए कहा गया है।
– उमंग सिंघार, वन मंत्री मप्र
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