कोरोना की पहली और दूसरी लहर में राजधानी में 1002 लोगों की मौत कोरोना से होना बताया गया है। इसमें से काफी लोग दूसरे जिले के भी हैं। चार माह पूर्व मुआवजा मिलने की सुगबुगाहट होते ही किसी निजी ऑपरेटर ने अपने स्तर पर मुआवजे का फॉर्मेट तैयार किया और लोगों को बेचकर अपनी जेब भर ली। ऐसे ही कई अलग-अलग अन्य फॉर्मेट भरकर लोगों ने कलेक्टोरेट में मुआवजे के लिए जमा कर दिए। अब जब सरकार का फॉर्मेट सामने आया है तो उसे देखते हुए सभी निरस्त करने होंगे। एडीएम उमराव मारावी का कहना है कि अथॉर्टी तय करेगी मुआवजा, लेकिन अधिक जानकारी मंगलवार तक साफ हो जाएगी। अभी तक आए आवेदन नए फॉर्मेट में देने होंगे।
आठ सदस्यीय अथॉर्टी तय करेगी मौत कैसे हुई
आवेदन आने के बाद जिन लोगों के पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट है और मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोरोना से मौत लिखी है, ऐसे लोगों को कुछ अन्य प्रक्रियाएं पूरी कर मुआवजा मिल जाएगा। लेकिन जिन लोगों के पास कोरोना से मौत का प्रमाण नहीं है या पॉजिटिव की रिपोर्ट ही गुम हो गई है, उनके बारे में आठ सदस्यीय डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉर्टी तय करेगी। हालांकि ये सभी आवेदन इसी अथॉर्टी के द्वारा स्वीकृत किए जाएंगे।
ये लोग होंगे डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर अथॉर्टी में
1. डिप्टी कमिश्नर (चेयरपर्सन )
2. एसपी (मेम्बर )
3.सीएमओ (मेम्बर )
4. सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर ,पीडब्ल्यूडी )(मेम्बर )
5. सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर , पीएच )(मेम्बर )
6. सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर , एमपीपीपी )(मेम्बर )
7. चेयरपर्सन ऑफ जिला पंचायत (मेम्बर )
8. एडीएम (मेम्बर )
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ये समस्या भी आएंगी
– मुआवजे के लिए आवेदन कर रहे व्यक्ति से मृतक का संबंध क्या है। अगर किसी के तीन बेटे हैं, तीनों में पटती नहीं है। ऐसे में कौन आवेदन करेगा।
– जहां पूरे परिवार खत्म हो गए हैं, उनके मामलों में कौन आवेदन करेगा। ऐसे में दो दावेदार भी सामने आ सकते हैं।
– कई लोग ऐसे हैं जिनकी श्मशान की रसीदों पर ही कोरोना से मौत होना लिखा है, बाकी कोई प्रमाण नहीं है। ऐसे लोगों का क्या होगा? ऐसे कई सवाल अभी प्रशासन के सामने आने हैं।
– एक परिवार में चार लोगों की कोरोना से मौत हुई, दो के पास प्रमाण पत्र हैं, बाकी दो पर फैसला अथॉर्टी को करना होगा।
ये होंगे पहले हकदार
– पति नहीं है तो पत्नी, पत्नी नहीं है तो पति
– दोनों ही नहीं है तो अविवाहित संतान
– अगर पूरा परिवार ही नहीं है तो मृतक के माता-पिता