इस दौरान प्रदेश में तकरीबन हर जगह पेट्रोल पंप भी बंद रहेंगे। ऐसे में परेशानी से बचने के लिए आज यानि 5 सितंबर बुधवार को ही अपने आने जाने में समस्या से बचने के लिए तैयारी कर लें।
सरकार द्वारा लाए गए एससी-एसटी एक्ट के विरोध में प्रदेश में सवर्ण समाज ने 6 सितंबर को बंद का आह्वान किया है। जिसे देखते हुए पेट्रोल एशोसियेशन प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप 6 सितंबर को शाम 4 बजे तक बंद रखने का ऐलान किया है। एसोसिएशन ये निर्णय बंद के दौरान अप्रिय घटना से बचने के लिए लिया है।
इस संबंध में पेट्रोल पंप डीलर्स ऐसोसिएशन भोपाल के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि पेट्रोल पंप 06 सितंबर यानि गुरुवार को सुबह 6 से शाम 4 बजे तक बंद रहेंगे। ऐसे में यदि स्थिति कंट्रोल में रही तो शाम 4 बजे के बाद पेट्रोल पंप खोले जाएंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में 6 सितंबर को एससी-एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया गया है। संदेह है कि ऐसे में हिंसक प्रदर्शनकारी सबसे पहले पेट्रोल पंप को निशाना बनाते हैं। ऐसे उत्पात मचाने वालों से बचने के लिए पेट्रोल पंप को बंद रखने का फैसला लिया गया है।
वहीं पुलिस प्रशासन ने भी अपने स्तर पर सतर्क रहने के लिए पूरे इंतेजाम कर लिए हैं। लेकिन अप्रैल में हुई हिंसा को देखते हुए सभी एजेंसियां चौकन्नी हैं।
मध्य प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले है, जानकारों के अनुसार उससे पहले सवर्णों का विरोध बीजेपी सरकार पर भारी पड़ सकता है। वहीं कांग्रेस द्वारा इसका विरोध नहीं किया जाना भी लोगों में नाराजगी पैदा कर रहा है।
वहीं जानकारी के अनुसार अचानक सामने आए इतने तीव्र विरोध के कारण राजनैतिक पार्टियों के माथे पर टेंशन के निशान उभर आए हैं। इसका कारण कई सवर्ण समाजों व संगठनों का सीधे तौर पर सामने आना बताया जाता है। वहीं विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बदले इन हालात में भाजपा ही नहीं कांग्रेस के नेताओं को भी सवर्णों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि कई नेता इस समय अपनी हार का आंकलन लगाने में जुट गए हैं। जबकि कई नेता ऐसे भी हैं जो सवर्णों का समर्थन करना चाहते हैं, लेकिन अपने राजनैतिक कॅरियर के डर से पार्टी का विरोध नहीं कर पा रहे हैं।
हर पार्टी का विरोध…
सवर्ण समाज की ओर से हर पार्टी का विरोध किए जाने के चलते केवल भाजपा ही नहीं कांग्रेस भी परेशानी में फंस गई है। वहीं स्पाकस की ओर से चुनाव में उतरना भी इन पार्टियों के लिए जी का जंजाल बनता दिख रहा है। इस पूरे मामले में ओबीसी समाज के भी सवर्णों के साथ खड़े होने से कई पार्टियों का समीकरण बदलता हुआ दिख रहा है। जिसे लेकर हर पार्टी में बैचेनी व्याप्त है।
डेमेंज कंट्रोल…
वहीं चुनावों में होने वाले इस डेमेज को संभालने के लिए हर पार्टी की ओर से कोशिशें शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में सूत्रो के अनुसार डैमेज कंट्रोल करने के लिए भाजपा को अब अपने पुराने दिग्गज और हाशिए पर चल रहे नेता याद आने लगे हैं।
अब तक संगठन की बैठकों से दूर रहने वाले ओबीसी नेता अब सरकार के लिए ‘संकटमोचक’ बनकर सामने आए हैं। उन्हीं नेताओं में एक नाम है प्रह्लाद पटेल का, जो कभी उमा भारती के खास रह चुके हैं।
भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव से पहले ओबीसी वोटबैंक को साधने के लिए पार्टी प्रह्लाद पटेल को फुल पॉवर देने का मन बना चुकी है।
ये सौंपी जिम्मेदारी…
दरअसल प्रह्लाद पटेल सूबे में ओबीसी वर्ग के सबसे बड़े नेता भी माने जाते हैं। दमोह से बीजेपी के सांसद प्रहलाद पटेल को सवर्ण और एससी-एसटी वर्ग के बीच मध्यस्थता करने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं ओबीसी वोटबैंक को साधने के लिए बीजेपी आने वाले 10 सितंबर को सतना में ओबीसी महाकुंभ करने जा रही है।
इस ओबीसी महाकुंभ को सफल बनाने के लिए सीएम हाउस में ओबीसी विधायकों और सांसदों की एक अहम बैठक भी हुई। बता दें कि एमपी में ओबीसी वोटबैंक करीब 51 फीसदी है।
वहीं कांग्रेस भी इसे लेकर तैयारियों में जुटी हुई है, कहा जा रहा है कि कांग्रेस जल्द ही इस मामले से हाथ झाड़ लेने के मूड में है, वहीं कुछ का कहना है कि कांग्रेस अब भाषणों के जरिए अपना डेमेज कंट्रोल करने के मूड में है जहां वो अपने पूराने सालों में इस तरह का बिल नहीं लाने की बात करेगी(यानि न्यायालय द्वारा इस एक्ट पर लिए गए किसी भी निर्णय के विरुद्ध कांग्रेस नहीं गई।)वहीं एक्ट के विरोध में 6 सितंबर को सवर्णों द्वारा भारत बंद का भी ऐलान किया गया है। जिसके चलते प्रदेश के कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई है, वहीं हर जिले की पुलिस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है, असामाजिक तत्वों पर खुफिया एजेंसियां अपनी पैनी नजर जमाए हुए हैं।
जहां एक ओर भाजपा की ओर से इस संशोधन को संसद में पास कराया गया था। वहीं अब संशोधन के खिलाफ चल रहे सामाजिक आंदोलन का असर दिखने लगा है। इसी के चलते उत्तरप्रदेश की देवरिया लोकसभा सीट से सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र ने एससी/एसटी एक्ट पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आंदोलन का साथ देते हुए कहा कि सरकार को एससी-एसटी एक्ट पर पुनर्विचार करना चाहिए। इस एक्ट का दुरूपयोग हो रहा है।