दरअसल, शासन द्वारा नोवल कोरोना वायरस एवं उससे जनित बीमारी के संक्रमण से बचाव के लिये शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिये प्रदेश के सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों तथा शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिये 30 जून तक अवकाश घोषित किया गया है। ऑनलाइन अध्यापन की गतिविधियाँ विभागीय आदेश के अनुसार जारी रखी जा सकेंगी।
राज्यपाल ने कुलपतियों के साथ की बैठक
राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि प्रदेश में आत्म निर्भर और स्वायत्त विश्वविद्यालय का नया दौर प्रारम्भ हो रहा है। व्यवस्था को मजबूत और सफल बनाने का दायित्व कुलपतियों का है। सर्वोच्च प्राथमिकता अनुशासित, बाधा रहित, भयमुक्त और गाइड लाइंस के अनुसार परीक्षा संचालन को दी जाय।
राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि प्रदेश में आत्म निर्भर और स्वायत्त विश्वविद्यालय का नया दौर प्रारम्भ हो रहा है। व्यवस्था को मजबूत और सफल बनाने का दायित्व कुलपतियों का है। सर्वोच्च प्राथमिकता अनुशासित, बाधा रहित, भयमुक्त और गाइड लाइंस के अनुसार परीक्षा संचालन को दी जाय।
विश्वविद्यालयों में होंगी परीक्षा
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने कहा कि परीक्षा संचालन व्यवस्थाओं में सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाये। सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केन्द्रों की संख्या अथवा क्षमता को बढ़ाकर नियोजित किया जाना चाहिए। परीक्षा संचालन के दौरान परीक्षा केन्द्र में आगमन से लेकर परीक्षा समाप्ति बाद वापस जाने तक की समस्त व्यवस्थाओं का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बना लिया जाये। तीन पालियों में परीक्षा संचालन को भी परीक्षा अवधि को कम करने अथवा दो पालियों के अंतराल में सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग की समस्त व्यवस्थाएं पूर्ण करने की आवश्यक व्यवस्थाओं की सभी संभावनाओं पर विचार कर एस.ओ.पी. का निर्माण किया जाए। यह प्रयास किया जाये कि छात्र-छात्राओं को कम से कम यात्रा करनी पड़े। बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये। दूरस्थ क्षेत्र एवं अन्य कारणों से परीक्षा में सम्मिलित नहीं होने वालों के लिए अतिरिक्त परीक्षा की व्यवस्था हो। विद्यार्थियों की काउंसलिंग के भी कार्य किए जाएं।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने कहा कि परीक्षा संचालन व्यवस्थाओं में सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाये। सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केन्द्रों की संख्या अथवा क्षमता को बढ़ाकर नियोजित किया जाना चाहिए। परीक्षा संचालन के दौरान परीक्षा केन्द्र में आगमन से लेकर परीक्षा समाप्ति बाद वापस जाने तक की समस्त व्यवस्थाओं का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बना लिया जाये। तीन पालियों में परीक्षा संचालन को भी परीक्षा अवधि को कम करने अथवा दो पालियों के अंतराल में सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग की समस्त व्यवस्थाएं पूर्ण करने की आवश्यक व्यवस्थाओं की सभी संभावनाओं पर विचार कर एस.ओ.पी. का निर्माण किया जाए। यह प्रयास किया जाये कि छात्र-छात्राओं को कम से कम यात्रा करनी पड़े। बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये। दूरस्थ क्षेत्र एवं अन्य कारणों से परीक्षा में सम्मिलित नहीं होने वालों के लिए अतिरिक्त परीक्षा की व्यवस्था हो। विद्यार्थियों की काउंसलिंग के भी कार्य किए जाएं।