छात्रों का आरोप है कि विभाग के शिक्षकों से अगर कोई छात्र किसी अव्यवस्था के संबंध में सवाल करता है तो उसे इंटरनल में कम माक्र्स देने की धमकी देकर चुप करा दिया जाता है। इसके अलावा फार्मेसी विभाग का एचओडी तक नहीं है, बायो टेक्नोलॉजी विभाग की एचओडी को प्रभार दिया गया है।
छात्रों ने बताया कि उनकी लैब में ना तो कोई केमिकल है और ना गैस पाइप लाइन। इसके अलावा छात्रों के प्लेसमेंट की भी कोई व्यवस्था नहीं है। छात्रों को आईडी कार्ड नहीं दिए गए हैं। छात्रों ने विभाग व हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की भी मांग की।
करीब एक घंटे तक चले विवाद के बाद कुलपति प्रो. आरजे राव और कुलसचिव डॉ. बी. भारती ने छात्रों की समस्याओं को सुनकर जल्द इसका निदान करने का आश्वासन दिया।
वहीं मंगलवार को विभाग में आकर छात्रों के सामने उनकी समस्या का समाधान करने की बात कही। इस दौरान बीयू के शारीरिक शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में आईं सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी इन छात्रों से मिलने पहुंची। उन्होंने कुलपति व कुलसचिव को इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
वॉर्डन ने किस आधार पर कहा कि अमन हॉस्टल का छात्र नहीं था?
इसके अलावा छात्रों ने बताया कि 19 फरवरी को विभाग के एक छात्र अमन तंवर ने हॉस्टल में सुसाइड कर लिया था। छात्रों की मांग है कि विवि की ओर से इस संबंध में जांच कमेटी बनाई गई थी, वह अपनी रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। इसके अलावा वॉर्डन द्वारा मीडिया को दिया गया स्टेटमेंट कि अमन विवि का तो छात्र था लेकिन हॉस्टल का नहीं।
यह किस आधार पर कहा गया, उसके दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं। बता दें, घटना के दिन वॉर्डन डॉ. रामकुमार स्नेही ने कहा था कि अमन ने हॉस्टल में वर्ष 2017 से एडमिशन लिया था। लेकिन मौजूदा सत्र में उसने हॉस्टल फीस जमा नहीं की और ना ही उसने हॉस्टल में एडमिशन लिया।
ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि वह छात्र उस कमरे में कैसे रह रहा था? इस बारे में बीयू प्रबंधन को भनक तक नहीं थी। वहीं वॉर्डन ने कहा था जिस रूम में सुसाइड हुआ था वह तो मेटेंनेस के चलते बंद किया गया था।