डॉ अमित ने बताया, मैं पहली बार अमरनाथ में सेवा देने आया हूं। मेरी दिली ख्वाहिश थी कि यहां सेवा दूं। हम लोग पहले श्रीनगर पहुंचे थे। इसके बाद पहलगाम, चंदनवाड़ी में विश्राम किया। हम सोमवार को ही पोस्टिंग वाली जगह पर पहुंचे हैं। हमने कुछ चढ़ाई पैदल तय की तो कुछ जगहों पर घोड़ों की मदद ली। रास्ते में इंतजाम काफी अच्छे हैं। अमरनाथ की पवित्र गुफा 13 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर है, इसी प्रकार शेषनाग 12 हजार 200 फीट की ऊंचाई पर है। शेषनाग तक का रास्ता ही कठिन है, इसके बाद ज्यादा दिक्कत नहीं है। शेषनाग तक के सफर में भी कोई परेशानी न हो, इसकी व्यवस्था है।
व्यवस्थाएं बेहतर
इस बार यहां की व्यवस्थाएं भी काफी अच्छी है। आर्मी और बीएसएफ के जवान तैनात हैं। चिकित्सा सुविधाएं बेहतर हैं। डीआरडीओ ने बालटाल और चंदनबाड़ीमें दो बड़े हॉस्पिटल बनाए हैं। इसी प्रकार रास्ते में हर पॉइंट पर और जहां लोगों के ठहरने की व्यवस्था है, वहां बेसकैंप हॉस्पिटल बना गए हैं।