यही नहीं आयोग को इसकी सूचना भी भेज दी।
स्थानीय निवासी चंद्रशेखर अग्निहोत्री ने 18 अगस्त 2020 को कटनी में खनिज विभाग से दो बिंदुओं की जानकारी चाही थी। चाही गई जानकारी रायल्टी की वसूली के संबंध में लिखे गए पत्र पर विभाग के स्तर पर हुई कार्रवाई से संबंधित थी। जब 30 दिन की समय सीमा में विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी तो प्रथम अपील में मामला गया। वहां भी प्रकरण का निराकरण नहीं हुआ तो आखिरकार द्वितीय अपील में सूचना आयुक्त पाण्डेय के समक्ष पेश हुआ।
स्थानीय निवासी चंद्रशेखर अग्निहोत्री ने 18 अगस्त 2020 को कटनी में खनिज विभाग से दो बिंदुओं की जानकारी चाही थी। चाही गई जानकारी रायल्टी की वसूली के संबंध में लिखे गए पत्र पर विभाग के स्तर पर हुई कार्रवाई से संबंधित थी। जब 30 दिन की समय सीमा में विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी तो प्रथम अपील में मामला गया। वहां भी प्रकरण का निराकरण नहीं हुआ तो आखिरकार द्वितीय अपील में सूचना आयुक्त पाण्डेय के समक्ष पेश हुआ।
14 जनवरी 2019 से अटकी थी वसूली –
पहली ही सुनवाई में लोक सूचना अधिकारी का जवाब आया कि एसएन सेंडरसन मिनरल्स के संबंध में पारित आदेश के अनुसार 5 करोड़ 13 लाख 28 हजार रुपए की राशि जमा करा ली गई है। अपीलार्थी को इसके चालान की कॉपी भी भेज दी गई है। गौरतलब है कि इस रायल्टी की वसूली के बारे में 14 जनवरी 2019 को निर्णय ले लिया गया था, लेकिन वसूली अटकी हुई थी। जब सूचना के अधिकार के तहत इस बारे में जानकारी मांगी गई तब न तो जानकारी दी गई और न ही कोई जवाब आया। आयोग में मामला आते ही खनिज विभाग में हलचल हुई और सबसे पहले बकाया रायल्टी जमा कराई गई ताकि आवेदक को बताया जा सके कि पुराने आदेश का पालन किया जा चुका है। आयुक्त ने शेष जानकारी के लिए लोक सूचना अधिकारी को शपथ पत्र पर तथ्य सहित आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है।
पहली ही सुनवाई में लोक सूचना अधिकारी का जवाब आया कि एसएन सेंडरसन मिनरल्स के संबंध में पारित आदेश के अनुसार 5 करोड़ 13 लाख 28 हजार रुपए की राशि जमा करा ली गई है। अपीलार्थी को इसके चालान की कॉपी भी भेज दी गई है। गौरतलब है कि इस रायल्टी की वसूली के बारे में 14 जनवरी 2019 को निर्णय ले लिया गया था, लेकिन वसूली अटकी हुई थी। जब सूचना के अधिकार के तहत इस बारे में जानकारी मांगी गई तब न तो जानकारी दी गई और न ही कोई जवाब आया। आयोग में मामला आते ही खनिज विभाग में हलचल हुई और सबसे पहले बकाया रायल्टी जमा कराई गई ताकि आवेदक को बताया जा सके कि पुराने आदेश का पालन किया जा चुका है। आयुक्त ने शेष जानकारी के लिए लोक सूचना अधिकारी को शपथ पत्र पर तथ्य सहित आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है।