भोपाल की नरेला विधानसभा से विधायक विश्वास सारंग का निवास 74 बंगला में हैं। वे यहीं निवास करते हैं। निशातपुरा में कार्यालय हैं। यहीं से उनका काम का संचालन होता है। क्षेत्र से दूरी होने के कारण घनी आबादी वाले क्षेत्र में अनेक समस्याएं हैं।
ड्रेनेज- बाग फरत अफजा, बाग उमराऊ दुल्ला, एश बाग, अशोक विहार, सेमरा, हिनोतियां, ब्ल्यू मून कॉलोनी, छोला, नवाब कॉलोनी, फीजा कॉलोनी, करौंद आदि में चौतरफा ड्रैनेज की समस्या है। यहां बरसात के समय गलियां-कॉलोनियां पोखर का रूप ले लेती हैं।
पानी- करौंद, एकता नगर, सुंदर नगर, अशोका गार्डन, बाग फरत अफजा, बाग दिलकुश आदि में पीने के पानी की भी समस्या हैं। हालांकि यहां नगर निगम ने नर्मदा जल प्रदाय कर दिया हैं, लेकिन कई जगह अब भी यह संकट है।
सफाई- बाग फरत अफजा, बाग उमराऊ दुल्ला, एश बाग, अशोक विहार, सेमरा, हिनोतियां, ब्ल्यू मून कॉलोनी, छोला, नवाब कॉलोनी, फीजा कॉलोनी, करौंद सहित झुग्गियों वाले क्षेत्रों सहित अशोका गार्डन, अशोका विहार आदि कॉलोनियों में भी सफाई और नाले बड़ी समस्या हैं।
शिक्षा- नरेला में नरेला महाविद्यालय चालू किया गया हैं, लेकिन यहां साधन-संसाधन नहीं है। अशोका गार्डन क्षेत्र में लक्ष्मी मंडी सरकारी स्कूल हैं, जो जर्जर हो चुका था, लेकिन काम नहीं हो पाया। अब इसे तोड़कर काम चालू करवाया गया है। क्षेत्र के सभी स्कूलों की हालत खस्ता है। करौंद चौराहा पर सरदार वल्लभ भाई पटेल स्कूल तो आंगनबाड़ी केंद्र जैसा हो गया। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी का स्कूल भी दुर्दशा का शिकार हो रहा है।
स्वास्थ्य- सामान्यत: यहां विधायक द्वारा कोई बड़ा अस्पताल चालू नहीं करवाया गया। कई जगह गैस राहत वाले अस्पताल है, जो अतिक्रमण की चपेट में हैं। बाग उमराव दुल्ला जैसी घनी आबादी में गैस राहत का एक अस्पताल है, जिसमें टीबी का इलाज होता था, लेकिन डॉक्टर के तबादले के बाद यह भी बंद हो गया।
अतिक्रमण- अशोका गार्डन मुख्य मार्ग से लेकर करौंद तक और आबादी वाले क्षेत्र से लेकर व्यवसायिक क्षेत्रों में जमकर अतिक्रण है। नालों पर ही दुकान-मकान तान दिए गए। रोड पर भी अतिक्रमण होने से ट्रैफिक समस्या बढ़ रही है।
गोविंदपुरा विधायक बाबूलाल गौर लिंक रोड नंबर एक स्थित 74 बंगला में निवास करते हैं, लेकिन स्थानीय कार्यालय बरखेड़ा विजय मार्केट में है। उनके कार्यालय तक पहुंचने वाले मार्ग ही उखड़े हुए हैं। बीएचइएल आधिपत्य की वजह से कार्यालय के आसपास अतिक्रमण जैसी समस्या कम है, लेकिन मूलभूत सुविधाएं यहां बदतर स्थिति में हैं। जलापूर्ति, स्वास्थ्य, शिक्षा के नाम पर गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में काम चलाउ इंतजाम जनता की परेशानी की प्रमुख वजह हैं। यहां प्राइवेट कवर्ड कैंपस बोरिंग के पानी से अपना काम चलाते हैं जबकि बरखेड़ा, पठानी, अवधपुरी की जनता सार्वजनिक नलों के भरोसे प्यास बुझाती है। शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर बीएचइएल के अस्पताल और स्कूल ही जनता का एकमात्र सहारा हैं।
ड्रेनेज- आइएसबीटी के बगल से बहने वाला नाला आगे अवधपुरी, साकेत नगर, कटारा हिल्स से होता हुआ खुले में बहता है। स्ट्रॉर्म वॉटर मैनेजमेंट के तहत करोड़ों रुपए से इसे अंडरग्राउंड करने का काम जारी है। हर बारिश में ये उफनता और लोगों की जान लेता है। बागमुगलिया स्थित सरिता सेतु भी हर बारिश में उफनकर निचले इलाके जैसे बर्रई, जाटखेड़ी में बाढ़ की वजह बनता है।
पानी-विधानसभा के आधे वार्डों में नर्मदा जलापूर्ति हो पाई है जबकि आधी आबादी अभी भी सार्वजनिक नल और निजी बोरिंग के भरोसे रहती है। आलम ये है कि अनेक कवर्ड कैंपस के बोरिंग गंदा पानी फेंक रहे हैं। बरखेड़ा में गंदा पानी आने की सबसे ज्यादा शिकायतें हैं।
सफाई- प्रमुख सड़कों को छोड़कर कालोनियों में नियमित रूप से झाडू नहीं लगती है। साकेत, अवधपुरी, निजामुद्दीन कालोनी, जेके रोड के आसपास दुर्गेश विहार, पिपलानी जैसे प्रमुख रहवासी क्षेत्रों में भी कचरे के ढ़ेर लगे रहते हैं। डोर टू डोर कलेक्शन का काम हर वार्ड में नियमित नहीं हो पा रहा है।
शिक्षा- बरखेड़ा सार्वजनिक उमा शाला जर्जर भवन में लगती है। भानपुर शासकीय शाला में शिक्षक ही नहीं आते। यहां बदबू की वजह से बच्चों का आना भी बेहद कम है। अयोध्या नगर स्कूल में टॉयलेट, पीने का पानी एक बड़ी समस्या है।
स्वास्थ्य- एकमात्र बड़ा अस्पताल पिपलानी बीमा अस्पताल है। यहां बीमा प्रकरण वाले मरीज भटकते रहते हैं। कस्तूरबा अस्पताल में अब केवल बीएचइएल कर्मियों को ही इलाज मिलता है। आम जनता के लिए इलाज का कोई इंतजाम नहीं है।
अतिक्रमण- रायसेन रोड पर स्वर्ण जयंती गेट से पिपलानी तक सड़क के दोनों तरफ अतिक्रमणों की भरमार है। होटल, व्यवसायी और गुमटी वालों ने मुख्य मार्गों तक दुकानें बढ़ा रखी हैं। भानपुर, अयोध्या बाइपास, रत्नागिरी तिराहा, बायपास तक इस तरह के अतिक्रमण देखे जा सकते हैं।