उन्होंने इस दौरान आरोप लगाया कि एंबुलेंस में मरीजों का होना मान कर उसकी चेकिंग नहीं कि जाती थी जिसका फायदा तस्करों ने उठाया। विधायक यशपाल सिंह का आरोप था कि, मालवा के तीनों जिलों से डोडा चूरा और अन्य मादक पदार्थ राजस्थान और गुजरात भेजे जा रहे हैं।
इस मामले पर गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि, इन तीनों जिलों में एंबुलेंस की संख्या तेजी से बढ़ी है। आशंका है कि इनका गलत इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही उन्होने यह स्वीकार किया कि एंबुलेंस से डोडा चूरा की तस्करी का मामला 13 जनवरी 2018 को नारायणगढ़ थाना क्षेत्र में सामने आया है।
ज्ञात हो कि राजस्थान में रजिस्टर्ड इस एंबुलेंस से प्लास्टिक के पांच बैग से लगभग डेढ़ क्विंटल डोडाचूरा बरामद हुआ है। इससे पहले भी 2015 में नीमच में एंबुलेंस से मादक पदार्थों की तस्करी का मामला सामने आया था।
कई मामले उजागर, नियम बदलने कि आवश्यकता
गृहमंत्री ने कहा, सरकार स्वास्थ्य, परिवहन और गृह विभाग की संयुक्त समिति बना रही है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर एंबुलेंस के परमिट के लिए नए नियम बनाए जाएंगे। इसके साथ ही मालवा के तीनों जिलों में सभी एंबुलेंस की जांच कराई जाएगी।
सिसोदिया ने आगे बताया कि ऐसे अनेकों मामले पहले भी प्रकाश में आ चुके हैं। अफीम उत्पादक तीनों जिलों में तस्कर नए-नए तरीके निकालते रहे हैं। कुछ साल पहले रतलाम-मुंबई ट्रेन में शनिवार के दिन शनि प्रतिमा में अफीम छिपाकर ले जाने का मामला सामने आया था। वहीं, नेत्रहीन महिलाओं के हाथों मंदसौर में रेलवे स्टेशन तक अफीम भेजने का मामला भी सामने आई है।
बाहुबली तथा नेताओं के संरक्षण में चल रहा कारोबार
जावरा भाजपा विधायक राजेंद्र पांडे ने आरोप लगाया कि अफीम की तस्करी के बदले अवैध हथियार खरीदे जा रहे हैं। तस्करी में नामचीन और राजनीति से जुड़े लोग भी शामिल हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होती है। रतलाम से नीमच के बीच सैकड़ों ढाबों के पीछे गड्ढे खोदकर अफीम छिपाई जाती है।
भाजपा के ही दिलीप सिंह परिहार और ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा, पुलिस बड़े और असरदार लोगों को कब पकड़ेगी। कैलाश चावला ने कहा कि प्रदेश में दो साल से डोडा चूरा के निष्पादन की कोई नीति नहीं है। इसके कारण तस्करी बढ़ रही है। सरकार किसानों से डोडा चूरा खरीदकर उसे नष्ट करे तो किसानों को लाभ होगा।